75 साल का हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार, लखनऊ में तिहरे हत्याकांड को अंजाम देकर था फरार

द लीडर हिंदी: यूपी की राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद इलाके में ट्रिपल मर्डर से दहशत मचाने वाले हिस्ट्रीशीटर 75 वर्षीय सिराज और उसके बेटे फराज को पुलिस ने रविवार को आखिरकार धरदबोचा. मलिहाबाद के मोहम्मदनगर-रहमतनगर गांव में बिते शुक्रवार को हिस्‍ट्रीशीटर सिराज ने तीन बीघा जमीन के विवाद में तीन लोगों की हत्‍या कर दी थी. इस वारदात में उसका बेटा सिराज भी शामिल था.

दोनों हत्‍याकांड को अंजाम देने के बाद फरार हो गए थे.इसके बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी.वही तिहरे हत्‍याकांड को अंजाम देने के बाद दोनों फरार चल रहे थे. बताया जा रहा है कि बाप और बेटे पुलिस के सामने सरेंडर करने की फिराक में थे. इससे पहले ही पुलिस उन तक पहुंच गई.

बता दें शुक्रवार को जमीन विवाद में दोनों ने गोली मारकर 15 साल के बच्‍चे समेत तीन लोगों की हत्‍या कर दी थी.इस सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है. बता दें 75 साल के सिराज के ऊपर एक दर्जन से ज्‍यादा मुकदमे दर्ज हैं.

वही मलिहाबाद पुलिस ने वारदात के बाद ही सिराज के ड्राइवर अशर्फी को गिरफ्तार कर घटना में इस्तेमाल थार जीप और सिराज की राइफल बरामद कर ली थी. पुलिस ने सिराज और फरार को पकड़ने के लिए पांच पुलिस टीम बनाई थी.

पुलिस ने सिराज को गिरफ्तार करने के लिये रेलवे और बस अड्डों पर भी नाकेबंदी की थी. एयरपोर्ट पर भी आरोपितों की फोटो चस्पा की गई थी.वही सिराज के पोलैंड के पासपोर्ट भी उसके घर से जब्त कर लिए गए.

जब एक साथ निकले तीन जनाजे..तो नम हो गई आंख
शनिवार को एक के बाद एक तीन जनाजे निकलने से चारों तरफ मातम पसर गया. मोहम्मदनगर-रहमतनगर गांव से तीन जनाजे एक साथ निकले तो हर किसी की आंख नम हो गई.

हिस्ट्रीशीटर सिराज और उसके बेटे फराज (30) अपने चचेरे भाई मुनीर अहमद उर्फ ताज (55), भतीजी फरहीन (35) और नाती हंसला खान (15) की गोली मार कर हत्या कर दी थी. पोस्टमॉर्टम के बाद शनिवार को पुलिस ने तीनों के शव घरवालों को सौंपे, जिसके शाम को गांव के बाहर कब्रिस्तान में तीनों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया.

नाती का निकला जनाजा, बेहोश हो गए नाना
तीनों शव मोहम्मदनगर-रहमतनगर लाए गए तो बेटी फरहीन और नाती हंजला का शव देख कर सलीम खान बेहोश होकर गिर पड़े.ही ग्रामीणों ने उन्हें संभाला.कुछ देर बाद उन्हें होश आया, तब शाम पांच बजे शवों को कब्रिस्तान ले जाया गया.

15 साल पहले एक था पूरा परिवार
हस्ता बस्ता परिवार में मातम छा गया.ग्रामीणों के अनुसार करीब 15 साल पहले पूरा परिवार एक था. घर में कोई कार्यक्रम होता तो सभी मिलजुलकर हिस्सा लेते. 15 साल पहले जमीन का मामला शुरू हुआ तो रंजिश बढ़नी शुरू हो गई. धीरे-धीरे रंजिश ने हत्याकांड का रूप ले लिया.

सिराज को पिता ने घर से भगा दिया था
जानकारी के मुताबिक, सिराज के पिता खलील खां जमींदार थे, लेकिन वह बचपन से मनबढ़ था. युवा होते-होते उसने अपराध का रास्ता पकड़ लिया था. उसके बड़े भाई सलीम खान ने बताया कि उसकी हरकतों से आजिज आकर पिता ने उसे घर से भगा दिया था।

पहली हत्या 1979 में की थी
वही पुलिस के मुताबिक, सिराज ने 29 साल पहले 1974 में काकोरी में हबीब नाम के शख्स की हत्या की थी. हत्या के बाद उसका शव एक ईंट भट्टे में दबा दिया था. तीन दिन बाद शव बरामद होने पर सिराज के खिलाफ काकोरी थाने में हत्या का केस दर्ज हुआ था. उसके खिलाफ मारपीट व फसाद के कई मुकदमे पहले ही दर्ज हो चुके थे.

सिराज पर कुल 17 केस दर्ज हैं
बता दें 1979 में मलिहाबाद कोतवाली में सिराज की हिस्ट्रीशीट खोली गई थी. उसका हिस्ट्रीशीट नंबर-11 ए है. सिराज पर कुल 17 केस दर्ज हैं। काकोरी में तीन, वजीरगंज में एक, चौक में सात, मलिहाबाद में सात और हरदोई में एक केस है। इनमें हत्या का एक, हत्या के प्रयास के तीन, आर्म्स ऐक्ट के दो, गुंडा एक्ट का एक मुकदमा है.

महंगे शौक रखता हिस्ट्रीशीट सिराज,पाकिस्तान से मंगवाए कबूतर
बतादें हिस्ट्रीशीट सिराज महंगे शौक रखता है. मलिहाबाद में सिराज के फार्म हाउस में विदेशी नस्ल के कुत्ते भी पले हैं. वह इनकी ब्रीडिंग करवाकर लाखों कमाता है.वह इनकी तस्करी भी करता था. इसके लिए उसने नेपाल का रास्ता चुन रखा था.

पुलिस जांच में सामने आया है कि उसने चार साल पहले पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सूरबाला गांव से कुछ कबूतर भी मंगवाए थे. बबलू कजाला नाम के शख्स ने कबूतर सप्लाई किए थे.पुलिस की टीमें उसे तलाशने के साथ पाकिस्तान और नेपाल कनेक्शन खंगाल रही हैं

सिराज के दो बेटे पोलैंड में रहते हैं
बता दें हिस्ट्रीशीट सिराज के दो बेटे शमाइल और इराज पोलैंड में रहते हैं. परिवारीजनों के मुताबिक, दोनों अपना हिस्सा लेकर वहीं सेटल हो गए हैं. दोनों के पास पोलैंड की नागरिकता है. दोनों ने वहीं शादी कर ली है.हत्यारोपित सिराज भी कुछ समय पहले पोलैंड से लखनऊ आया है.

सिराज एक राजनीतिक पार्टी के काफी करीब
बतादें राजनीतिक जगत से सिराज के तार जुड़ें है.तीन भाइयों और पांच बहनों में सबसे छोटा सिराज एक राजनीतिक पार्टी के भी काफी करीब रहा है। इसी कारण पुलिस ने कभी मजबूती से उस पर हाथ नहीं डाला. 2015-16 में उसने अपने भतीजे खुदादाद को सपा से टिकट दिलवाकर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जितवाया था