द लीडर : इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश, जस्टिस पंकज नकवी ने कहा कि, जब तक आप आप एक अच्छे इंसान नहीं हैं. तब तक न तो आप अच्छे हिंदू हो सकते हैं और न ही अच्छे मुसलमान. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि धर्मनिरपेक्षता और इंसानियत को अपनाएं. इसके साथ ही सभी धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करें. (Hindu Muslim Good Human )
जस्टिस नकवी 21 अगस्त को हाईकोर्ट से रिटायर हुए हैं. विदाई समारोह के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इंसानियत-मानवतावाद से बड़ा कोई भी धर्म नहीं है. बोले कि आप एक अच्छे हिंदू नहीं हो सकते हैं, न ही अच्छे मुसलमान हो सकते हैं. अगर आप अच्छे इंसान नहीं हैं. इसलिए सबसे पहले एक अच्छा इंसान बनें.
इसके साथ ही एक और आह्वान किया कि अपने नजरिये-दृष्टिकोण में हमेशा धर्मनिरपेक्ष रहें. ऐसा करने के साथ ही दूसरों के धार्मिक यकीदे-आस्था की इज्जत करें. बोले-हम भारत के संविधान के लिए जिएंगे और मरेंगे.
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जस्टिस नकवी ने अपने संबोधन में न्यायाधीशों के लिए भारतीय संविधान के महत्व पर भी जोर देने की अपील की. ये कहते हुए कि भारतीय संविधान हमारी बाइबिल है और हम इसकी शपथ लेते हैं. हम संविधान के लिए जिएंगे और मरेंगे.
दिल्ली यूनिवर्सिटी से 1984 में कानून की पढ़ाई करने वाले जस्टिस नकवी ने 1985 में बतौर अधिवक्ता अपना करियर शुरू किया था. 21 नवंबर 2011 को वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए. जस्टिस नकवी ने अपने नौ साल के सेवाकाल में कई अहम फैसले सुनाए हैं. )Hindu Muslim Good Human)