द लीडर हिंदी: देश में लगातार मंदिर- मस्जिद के मामले बढ़ते जा रहे है. हिंदू -मुस्लिम पक्ष एक दूसरे के सामने खड़ा नजर आ रहा है. कोई मस्जिद को बचाने में लगा है. तो कोई मंदिर बनाने में लगा है.इसी बीच कोर्ट ने एक ऐसा बड़ा कदम उठाया है. जिससे विवाद की तस्वीर पूरी तरफ साफ हो गई है. दराअसल सुप्रीम कोर्ट से मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में हिंदू पक्ष को करारा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में शाही ईदगाह में सर्वे पर अब रोक लगा दी है.
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह में न्यायालय की निगरानी में सर्वेक्षण का आदेश दिया था. जो sc ने शाही ईदगाह के सर्वेक्षण पर इलाहााद HC के आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर जवाब मांगा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी, लेकिन कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर अंतरिम रोक लगाई जाती है.
मिली जानकारी के मुताबिक 23 जनवरी को अगली सुनवाई होगी.सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष की दलीलों पर सवाल उठाने के साथ फटकार लगाते हुए कहा कि आपकी अर्जी पूरी तरह साफ नहीं है. आपको स्पष्ट रूप से बताना होगा कि आप क्या चाहते हैं. आगे कोर्ट ने कहा कि इन मामलों के अलावा ट्रांसफर का मामला भी इस न्यायालय में लंबित पड़ा है. हमें उस पर भी फैसला लेना है.
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते साल 14 दिसंबर को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के सर्वे को मंजूरी दी थी.मुस्लिम पक्ष ने जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. शाही ईदगाह में सर्वे की मांग के लिए भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और 7 अन्य लोगों ने वकील हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के जरिये इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका को दायर कर ASI सर्वे की मांग की थी.
याचिका में दावा किया गया था कि भगवान श्री कृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है. और वहां कई निशान हैं जो ये स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था.इससे ये साफ जाहिर होता दिखाई दे रहा है कि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम कदम उठाया है.