ईद मिलादुन्नबी की धूम पूरी दुनिया के मुसलमानों के बीच रही। लेकिन इस बार खास बात यह रही कि सिखों ने उस जगह इस मौके पर जश्न मनाया, जहां उनके पहले गुरु नानक देव का जन्म हुआ। यानी पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब में। इस कार्यक्रम का आयोजन यहां पर सिख समुदाय के मुखिया गोपाल सिंह चावला और खास सहयोगी बने मिन्हाजुल कुरान। चावला का कहना है कि इस ईद मिलादुन्नबी कार्यक्रम करने का मकसद सिख और मुस्लिम समुदायों के बीच धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना था। (Sikh Celebrated Eid Miladunnabi)
पिछले हफ्ते शनिवार को ननकाना साहिब में धार्मिक सहिष्णुता की खूबसूरती मिसाल बनती देखी गई, जब सिख समुदाय ने पहली बार पैगंबर मुहम्मद (PBUH) की जयंती मनाई और उस कार्यक्रम में सैकड़ों मुसलमानों और सिखों की भीड़ जुटी। मुबारकबाद के साथ नजदीकियां करीबी रिश्ते जैसी महसूस की गईं।
इस मौके पर पंजाबी सिख संगत के प्रमुख सरदार गोपाल सिंह चावला ने पाकिस्तान में धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के साथ ही इस कार्यक्रम का मकसद यह भी था कि गुरुद्वारा साहिब न केवल सिखों के लिए, बल्कि सभी धर्मों के आस्थावानों के लिए भी है। समारोह को डॉ. ताहिरुल कादरी के बेटे डॉ. हुसैन मोहिउद्दीन समेत कई धार्मिक विद्वानों ने भी संबोधित किया। (Sikh Celebrated Eid Miladunnabi)
जश्ने मिलादुन्नबी में शरीक होने वाले मुसलमानों के लिए सिख समुदाय ने दावत का भी बंदोबस्त किया और कार्यक्रम के आखिर में दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों ने एक केक भी काटा।
बीते वर्षों में यह भी देखा गया कि पाकिस्तान में ईसाई समुदाय ने भी ईद मिलादुन्नबी मनाई। पिछले साल इस मौके पर चर्चों को खूबसूरत रोशनी से सजाया गया था। (Sikh Celebrated Eid Miladunnabi)
सिख समुदाय का कार्यक्रम पाकिस्तान सरकार द्वारा घोषित पैगंबर के जन्मदिन पर होने वाले देशव्यापी समारोह का हिस्सा भी था। प्रधानमंत्री इमरान खान ने घोषणा की थी कि सरकार पूरे धार्मिक उत्साह के साथ ईद मिलादुन्नबी मनाएगी और सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक समारोह आयोजित करेगी।