द लीडर हिंदी : आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान की ज़िला जज के न्यायालय में पेशी के मद्देनज़र भारी फोर्स तैनात रहा. उनके आने का इंतज़ार भी होता रहा लेकिन वो नहीं आए. कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा को 2010 के बरेली दंगों का मास्टरमाइंड माना है.इस मामले पर आज मौलाना को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन तबियत खराब होने के कारण मौलाना आज भी कोर्ट में पेश नहीं हुए.2010 दंगे के मास्टर माइंड आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाकर हाईकोर्ट ने 27 मार्च तक ट्रायल कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन पेशी से पहले ही वह दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हो गए.
मौलाना तौकीर रज़ा को नहीं मिली राहत
ताजा जानकारी के मुताबीक मौलाना तौकीर रज़ा को आज भी राहत नहीं मिली है. दरअसल हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद तौकीर रज़ा कोर्ट में हाजिर नहीं हुए.तौकीर रज़ा ने अपने अधिवक्ता के जरिए कोर्ट में अर्जी लगाई. हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशीष सिंह ने जिला जज की अदालत में बीमारी का हवाला दिया. लेकिन जिला जज ने अर्जी को स्वीकार नहीं किया.बतादें कानून अनुसार प्रार्थना पत्र ट्रायल कोर्ट में नहीं दिया जा सकता. क्योंकि हाईकोर्ट के आदेशानुसार हाईकोर्ट में ही प्रार्थना पत्र देना चाहिए था. ट्रायल कोर्ट की मूल पत्रावली में हाजिर होने की तिथि 1 अप्रैल नियत है .मौलाना तौकीर रजा की अब मुश्किलें बढ़ सकती है. पुलिस कभी भी तौकीर रज़ा को गिरफ्तार कर सकती है.जानकारी के मुताबीक पुलिस अस्पताल में जाकर मौलाना तौकीर रजा को अपनी हिरासत में ले सकती है .
बता दें कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेने के बाद पहले उनको समन जारी किया. पेश नहीं हुए तो गै़र ज़मानती वारंट दो मर्तबा जारी हो चुका है. इस पर रोक के लिए वो हाईकोर्ट भी गए लेकिन उनसे संबंधित कोर्ट में ही 27 मार्च को पेश होने के लिए कह दिया गया था. जब मौलाना पेश नहीं हुए तो लॉयर आशीष कुमार सिंह से बात की.दरअसल यह वही मामला है, जिसे एडीजे फॉस्ट ट्रैक रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में सुना जा रहा था लेकिन दंगे के एक आरोपी शाहरुख़ की केस ट्रांसफर अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए ज़िला जज ने इस मामले को सुनवाई के लिए अपनी अदालत में रोक लिया है.
मौलाना को यहीं पेश होना था लेकिन उनके अधिवक्ता ने जानकारी दी कि उनकी तबियत ठीक नहीं है. वो अस्पताल में भर्ती हैं. वैसे एडीजे फॉस्ट ट्रैक कोर्ट से इस मामले में एक अप्रैल की तारीख़ लगी हुई है. लेकिन देखना होगा कि ज़िला जज की कोर्ट से क्या निर्णय लिया जाता है, क्योंकि मौलाना का ग़ैर ज़मानती वारंट जारी है. मौलाना के अधिवक्ता की आशीष कुमार सिंह की तरफ से यह बताया गया है कि एप्लीकेशन लगाई थी लेकिन कंडोलेंस के चलते वो मूव नहीं हो सकी है. इस दौरान आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत के पदाधिकारी भी कोर्ट परिसर में मौजूद रहे.