फेसबुक की नौकरी छोड़ थामा था कांग्रेस का हाथ, अब दिया पार्टी से इस्‍तीफा, जानिए मनीष खंडूरी की वजह

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द लीडर हिंदी : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को झटके पर झटके लग रहे है. फेसबुक की नौकरी छोड़कर 2019 में कांग्रेस में उत्‍तराखंड कांग्रेस के नेता मनीष खंडूरी ने पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया.बता दें राहुल गांधी की जनसभा में मनीष खंडूरी ने कांग्रेस की सदस्‍यता ली थी. अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर उत्‍तराखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री भुवन चंद खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी ने लिखा है- ‘मैं भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्‍यता से तत्‍काल प्रभाव से त्‍यागपत्र दे रहा हूं. मेरा यह फैसला बिना किसी व्‍यक्तिगत हित अथवा अपेक्षा के लिया गया है.

मनीष खंडूरी के इस्‍तीफे के बाद उत्‍तराखंड की राजनीति में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. अब उनकी बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई है.बता दें मनीष खंडूरी उत्‍तराखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री भुवन चंद खंडूरी के बेटे हैं. उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव से पहले फेसबुक की नौकरी छोड़कर कांग्रेस जॉइन किया था.जिसके बाद राहुल गांधी ने उन्‍हें खुद कांग्रेस की सदस्‍यता दी थी. मनीष खंडूरी को गढ़वाल सीट से लोकसभा प्रत्‍याशी बनाया गया था पर उन्‍हें हार मिली.

बता दें अभी तीन दिन पहले मनीष खंडूरी ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर कहा था- ‘मैं राजनीति में मंत्री बनने के लिए नहीं हूं. अगर कोई ये सोच रहा है कि मुझे टिकट या फिर पद का लालच है तो यह उनकी भूल है. मैं राजनीति में एक प्रभाव छोड़ने के लिए तैयार हूं. विशेषकर याहां के युवा और मातृशक्ति के मुद्दों को लेकर मैं अपने सफल प्रोफेशनल लाइफ को छोड़कर एक सोच एक विचार लेकर आया हूं. मेरी सोच टिकट, पद, एमपी या एमएलए बनने से हटकर है. अगर आप पद हासिल करने के बाद भी समाज के लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो इन चीजों का मेरे लिए कोई औचित्‍य नहीं है.

बता दें कि मनीष खंडूरी 2019 लोकसभा चुनाव में गढ़वाल सीट से कांग्रेस उम्‍मीदवार थे, पर उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा. उन्‍होंने मार्च 2019 में कांग्रेस जॉइन किया था। राजनीति में आने से पहले मनीष खंडूरी फेसबुक कंपनी में इंडिया हेड के रूप में कार्यरत थे. राहुल गांधी की उपस्थिति में उन्‍हें कांग्रेस में शामिल किया गया था.

गढ़वाल लोकसभा सीट से उनके पिता बीजेपी नेता भुवन चंद खंडूरी पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं.जैसा के सभी जानते है लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कभी भी हो सकती है. ऐसे में चुनाव से ठीक पहले पार्टी से इस्तीफा देने के अब कई राजनैतिक मायने सामने आ रहे हैं. जहां कांग्रेस 2024 में जीत के लिये जी तोड़ मेहनत कर रही है.ऐसे में पार्टी में इस्‍तीफे के दौर कमजोर कर रहे है.

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