द लीडर | केंद्र सरकार ने 15 साल पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर नया ऐलान किया है। बता दें 15 साल से ज्यादा पुरानी कारों या यात्री वाहनों के रजिस्ट्रेशन की रिन्यूअल फीस आठ गुना तक बढ़ा दिया है। इसी तरह, कमर्शियल वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र के नवीनीकरण के लिए भी वाहन मालिकों को आठ गुना ज्यादा शुल्क चुकाना होगा। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को अगले साल से नई व्यवस्था लागू करने की अधिसूचना जारी की है।
8 गुना देनी होगी फीस
केंद्रीय सरकार द्वारा पुराने वाहनों के रिन्यूअल को लेकर जो ऐलान किया है, और रजिस्ट्रेशन के लिए आठ गुना शुल्क में बढ़ोतरी की है। इस अधिसूचना के अनुसार 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र के रिन्यूअल के लिए अब पहले के मुकाबले आठ गुना ज्यादा फीस देनी होगी।
स्मार्ट कार्ड लेने पर 200 रुपये अतिरिक्त
अधिसूचना के अनुसार इन नियमों को केंद्रीय मोटर वाहन (23 वां संशोधन) नियम 2021 कहा जाएगा। ये 1 अप्रैल 2022 से लागू माने जाएंगे। यदि रजिस्ट्रेशन कार्ड स्मार्ट कार्ड की तरह होगा तो उसके 200 रुपये अतिरिक्त लिए जाएंगे। नया नियम सरकार की राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति का हिस्सा है।
वहीं फिटनेस सर्टिफिकेट में देरी पर 50 रुपये का प्रतिदिन जुर्माना लगेगा। वहीं आयातित बाइक और कार को लेकर ऐसी बाइक के रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण के लिए 10 हजार रुपये और कारों के लिए 40,000 रुपये लगेंगे। बस-ट्रक फिटनेस 1500 रुपये की बजाए 12,500 रुपये लगेंगे।
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इतनी होगी फीस
नोटिफिकेशन के अनुसार, 15 साल पुरानी कार के रजिस्ट्रेशन का रीन्यूअल 5,000 रुपये में होगा। फिलहाल इसके लिए 600 रुपये लिए जाते हैं। इसी तरह, पुरानी मोटरसाइकल्स के रजिस्ट्रेशन की रीन्यूअल फीस 1,000 रुपये होगी जो अभी 300 रुपये है। 15 साल पुरानी बस या ट्रक के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट 12,500 रुपये में बनेगा जिसके लिए अभी 1,500 रुपये लगते हैं।
रीन्यू नहीं कराया तो लगेगी पेनाल्टी
15 साल से ज्यादा पुराने निजी वाहनों को रीन्यू कराने में देरी पर 300 रुपये प्रति माह के हिसाब से पेनाल्टी लगेगी। कॉमर्शियल वीइकल्स के लिए यह पेनाल्टी 500 रुपये महीना होगी। कॉमर्शियल वीइकल्स के फिटनेस सर्टिफिकेट्स रीन्यू न कराने पर 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूला जाएगा।
दिल्ली-एनसीआर में नहीं होगा लागू
दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले वाहन मालिकों पर केंद्रीय सरकार द्वारा बनाए गए यह नया नियम लागू नहीं होगा। दरअसल, दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर पहले से ही रोक लगी है।
इसके अलावा सरकार द्वारा बनाए गए इन नियमों में रजिस्ट्रेशन कार्ड स्मार्ट कार्ड के जैसा होगा जिसके लिए 200 रुपये का अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। सरकार द्वारा बनाए गए यह नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे।
इतने साल पर नया रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी
पंजीकरण और फिटनेस प्रमाण पत्र के नवीनीकरण शुल्क में इजाफे का मकसद लोगों को अपने पुराने वाहन रखने से हतोत्साहित करना है। निजी वाहनों के मामले में, मालिकों को 15 साल बाद हर 5 साल में पंजीकरण का नवीनीकरण कराना होगा। अधिसूचना में वाहनों के मैनुअल और स्वचालित फिटनेस टेस्ट के लिए शुल्क भी तय किया गया है।
सरकार का मकसद फिटनेस टेस्ट की मैनुअल प्रणाली को खत्म करना है, जिसमें हेरफेर या धांधली की गुंजाइश रहती है। अधिसूचना के अनुसार इन नियमों को केंद्रीय मोटर वाहन (23वां संशोधन) नियम, 2021 कहा जा सकता है और यह 1 अप्रैल 2022 से लागू होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि फिटनेस प्रमाण-पत्र की समाप्ति के बाद प्रत्येक दिन की देरी के लिए 50 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।
Budget में किया था ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में आम बजट पेश करते हुए नई स्क्रैप पॉलिसी (Vehicle Scrappage Policy) का ऐलान किया था। 1 अप्रैल 2023 से सभी हैवी कामर्शियल वाहनों का फिटनेस टेस्ट ( heavy commercial vehicles fitness test) अनिवार्य किया जा रहा है। जबकि 2024 से हल्के वाहनों के लिए यह नीति लागू की जानी है। अगर फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्यूअल में देरी की तो हर दिन 50 रुपये का जुर्माना भी देना होगी।
सरकार ने क्यों उठाया कदम
दिल्ली में हर साल प्रदूषण का स्तर उच्चतम स्तर पर पहुंच जाता है। जिस कारण दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोग जहरीली हवा सेवन को मजबूर होते हैं। जिसका एक प्रमुख कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं भी है। इस कारण से सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए पंजीकरण नवीनीकरण के दाम में इजाफा किया है ताकि पुराने वाहन सड़कों पर कम दिखे और उनसे होने वाले प्रदूषण भी कम हो।
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