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द लीडर : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद 79 साल की उम्र में निधन हो गया. मुशर्रफ एमाइलॉइडोसिस बीमारी से ग्रस्त चल रहे थे.
दुबई के अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। परवेज मुशर्रफ ने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखें. कभी पाकिस्तान के सैन्य शासक थे और बाद में उन्हें राजद्रोह के आरोप में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई.
हालांकि, साल 2020 में लाहौर उच्च न्यायालय ने इस सजा को निलंबित कर दिया था. फिलहाल, परवेज मुशर्रफ के परिवार वाले उनके पार्थिव शरीर को पाकिस्तान में दफनाने की तैयारी कर रहे हैं.
इसके लिए दुबई में पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया है. विमान से उनके पार्थिव शव को पाकिस्तान लाया जाएगा.
दिल्ली के दरियागंज इलाके में 11 अगस्त 1943 को जन्मे पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ का परिवार विभाजन के समय पाकिस्तान चला गया था. पाकिस्तान में उनके पिता सरकारी नौकरी करते थे.
परवेज मुशर्रफ अपनी जीवनी ‘इन द लाइन ऑफ फायर – अ मेमॉयर’ में लिखते हैं कि उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी. इसके लिए साल 1998 में ताख्ता पलट करके जनरल बने.
बता दें कि परवेज मुशर्रफ ने कोड के नाम से एक ऑपरेशन प्लान किया था. इसके तहत भारत के खिलाफ कारगिल युद्ध की तरह बड़ी जंग छेड़ने की साजिश की.
मगर भारतीय सेना के वीर जवानों ने उनके कोड के ऑपरेशन का मुंह तोड़ जबाव देकर उनकी मंशा पर पानी फेर दिया. जनरल मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया.
परवेज मुशर्रफ 2016 से दुबई में रह रहे थे और पिछले आठ साल से यूएई में इलाज करा रहे थे. उन्हें कुछ हफ्ते पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
जहां उन्होंने उपचार के दौरान अंतिम सांस ली. परवेज ने अंतिम वक्त में पाकिस्तान में रहने की इच्छा जताई थी.