देश-दुनिया की पांच खास और दिलचस्प खबरें

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देश-दुनिया में रोज ही ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जो चौंकाने वाली हैं। पूजा-पाठ से लेकर आंदोलन और महंगाई की मार, कारपोरेट जगत की उथल-पुथल से लेकर समुदायों के बीच होने वाली वारदातें। इन्हीं में से पांच खास और दिलचस्प आपके सामने पेश हैं। (Five Special Interesting News)

अडानी पोर्ट्स अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान से नहीं करेगा ढुलाई

भारत के सबसे बड़े बंदरगाह संचालक अडानी पोर्टस ने कहा है कि अगले महीने से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान से माल ढुलाई नहीं करेगा। अदानी समूह का हिस्सा अदानी पोर्ट्स ने कहा है कि यह ट्रेड एडवाइजरी 15 नवंबर से थर्ड पार्टी टर्मिनलों समेत उसके द्वारा संचालित सभी टर्मिनलों पर लागू होगी। एडवाइजरी का कोई कारण नहीं बताया गया है।

पिछले महीने गुजरात राज्य में भारत के पश्चिमी तट पर मुंद्रा बंदरगाह पर दो कंटेनरों से लगभग तीन टन (6,600 पाउंड) हेरोइन की जब्ती के बाद यह फैसला लिया गया है। (Five Special Interesting News)

बांग्लादेश में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में 16 रोहिंग्या गिरफ्तार

बांग्लादेश पुलिस ने ढाका में रोहिंग्या शिविरों में ताबड़तोड़ छापेमारी में 16 रोहिंग्या शरणार्थियों को गिरफ्तार किया है। पिछले हफ्ते रोहिंग्या समुदाय के एक शीर्ष नेता की हत्या के बाद यह कार्रवाई की गई है। रोहिंग्या नेता मोहिब उल्लाह की दस दिन पहले अज्ञात हमलावरों ने कुटुपलोंग स्थित उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी।

हत्या के लिए उनके परिवार और समुदाय ने अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) को दोषी ठहराया, जो म्यांमार सुरक्षा चौकियों पर हमलों को अंजाम देने वाला एक आतंकवादी संगठन है। उनका कहना है कि मोहिब उल्लाह की बढ़ती लोकप्रियता से यह आतंकी संगठन खफा था।

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बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले के लिए लगभग 8 लाख लोगों के म्यांमार से पलायन के बाद मोहिब उल्लाह रोहिंग्या शरणार्थियों की वकालत करने वाले सबसे सम्मानित उदारवादी आवाज बन गए थे। हालांकि, एआरएसए ने हत्या में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।

छापे के प्रभारी पुलिस अधिकारी नैमुल हक ने कहा, “हमने मोहिब उल्लाह की हत्या के बाद शुरू किए गए एक विशेष अभियान के तहत पिछले तीन दिनों में 16 लोगों को गिरफ्तार किया है।” गिरफ्तार किए गए लोग “मोहिब उल्लाह की हत्या में शामिल नहीं थे” और एआरएसए शिविरों में काम नहीं करता है। (Five Special Interesting News)

दुर्गा पूजा पंडाल: बुर्ज खलीफा से लेकर किसान आंदोलन तक

हर साल की तरह इस बार भी बंगाल की दुर्गा पूजा अपने पंडालों से चर्चा में है। इस बार कोलकाता में न सिर्फ जिंदगी, बल्कि सियासत के अहम पहलुओं को भी दिखाया गया है।

दुर्गा पूजा पंडाल दमदम पार्क भारत में किसान आंदोलन पर केंद्रित है और विवादास्पद कृषि कानूनों पर किसानों के समर्थन में दिखाई देता है।

पंडाल के एंट्री प्वाइंट पर विशाल पंखों वाला एक ट्रैक्टर है, जिस पर चलते हुए पंडाल की जमीन पर सैकड़ों सैंडल पड़े हैं, जो विरोध के बाद के दृश्यों का प्रतीक हैं। मुख्य पंडाल को छत से लटके धान से सजाया गया है। एक पंडाल में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या को दर्शाया गया है। फुटपाथ एक कार और उसके रास्ते पर पड़े एक किसान का एक विशाल स्केच यह मंजर दिखा रहा है।

कोलकाता का बरिशा क्लब राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और प्रवासी लोगों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘भागेर मां’ (विभाजन की मां) थीम लाया है। पंडाल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह दो डिवीजनों के बीच बैठी महिला की तरह लगता है। एक तरफ बांग्लादेश की सीमा है और दूसरी तरफ भारतीय सीमा, जिसके बीच में एक विशाल पिंजरा बना हुआ है, जिसमें एक महिला अपने चार बच्चों के साथ एक डिटेंशन कैंप में देवी दुर्गा की मूर्ति ले जा रही है।

समाजसेवी संघ कोलकाता में अभिनव पंडाल में देवी दुर्गा की मूर्ति के आसपास गैस सिलेंडर, कीबोर्ड, वॉशिंग मशीन और अन्य घरेलू चीजों के लिए एक मिक्सर ग्राइंडर दिखाया गया है। (Five Special Interesting News)

बुर्ज खलीफा के रूप में एक पंडाल की बहुत चर्चा है। बुर्ज खलीफा की प्रतिकृति को श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब ने लेक टाउन एरिया में बनाया है, जिसकी ऊंचाई लगभग 145 फीट होने का अनुमान है।

इस देश में खुदाई में बरामद हुआ 1500 साल पुराना शराब कारखाना

इज़राइली पुरातत्वविदों ने लगभग 1,500 साल पुराने विशाल प्राचीन वाइनमेकिंग कॉम्प्लेक्स का पता लगाया है।

केंद्रीय शहर यावने में खोजे गए इस परिसर में पांच वाइन प्रेस, गोदाम, मिट्टी के भंडारण, जहाजों के उत्पादन के लिए भट्टे और जार हैं।

इज़राइली पुरातत्व प्राधिकरण का कहना है कि इस खोज में मिले सबूतों से यही अंदाजा लग रहा है कि बैजंतिया साम्राज्य के दौरान यावने शराब बनाने वाला कारखाना था।

शोधकर्ताओं का अनुमान है कि इतने बड़े कारखाने में एक साल में तकरीबन दो मिलियन लीटर यानी लगभग सवा पांच लाख गैलन वाइन का प्रोडक्शन होता होगा। (Five Special Interesting News)

उत्खनन के निदेशकों में से एक जॉन सेलिगमैन ने कहा कि क्षेत्र में बनी शराब को “गाजा” वाइन के रूप में जाना जाता था और पूरे क्षेत्र में निर्यात किया जाता था। यह एक प्रतिष्ठा वाली शराब थी, हल्की सफेद रंग की, इसे भूमध्य सागर के आसपास के कई देशों में ले जाया गया था,” मिस्र, तुर्की, ग्रीस और शायद दक्षिणी इटली भी भेजा जाता था।

पेट्रोल-डीजल की महंगाई से नर्क हो गई इस देश के लोगों की जिंदगी

हमारे देश में तो पेट्रोल-डीजल की महंगाई को तमाम लोग नकार रहे हैं, जबकि आम नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी इससे खासी प्रभावित हो रही है। अभी इस खबर की भी चर्चा है कि बिजली के प्रोडक्शन के लिए कोयले की कमी हो गई है। यह दिक्कत जब हकीकत में सामने आएगी तो कितनी मुसीबत हो सकती है, इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है।

ईंधन का मसला कितना पेचीदा हो सकता है, इसका अंदाजा हम लेबनान के हालात से लगा सकते हैं। बीते समय में दो बार बंदरगाहों पर विस्फोट यहां सिर्फ इसलिए हो गए कि ईंधन की मारामारी है। एक तरह से ईंधन बचा ही नहीं है यहां। ईंधन न होने से हवा-बिजली-अस्पताल, स्कूल सब ठप ही जैसा है। सोचकर देखिए, कैसे जी पा रहे होंगे यहां के लोग।

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लेबनान में इन दिनों दो वक्त का खाना भी दुश्वार है, महंगाई ने आसमान छू लिया है। इसकी बड़ी वजह ईंधन की कमी है। हर चीज को सहेजने के लिए फ्रीजर चाहिए, फ्रीजर के लिए बिजली, बिजली उत्पादन नहीं हो रहा तो जेनरेटर, जेनरेटर के लिए डीजल और डीजल है नहीं।

चोरी-छिपे मुहैया है, उसी की छीनझपट में तमाम जानें जा चुकी हैं। विस्फोट भी इसी वजह से होने की चर्चा रही है। और तो और इस घटनाओं में जख्मी होने वालों का इलाज भी इसी वजह से नहीं हो पाता, क्योंिक अस्पताल में बिना बिजली कैसे कोई काम हो। (Five Special Interesting News)

दवा, खाने की चीजें, ब्रेड, सब्जी कुछ भी स्टॉक नहीं किया जा सकता, ऐसे ही रख लिया तो खराब होंगी, कौन खरीदेगा, खरीदेगा तो भी परेशानी। यहां तक ​​कि यहां का खास खाद्य पदार्थ जैतून का तेल भी मुहैया नहीं हो पा रहा है।

विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) का अनुमान है कि लेबनान महज दो सालों में खाद्य कीमतों में 628 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। लेबनानी पाउंड का लगभग 90 फीसद अवमूल्यन होने से यह देश आर्थिक मंदी में डूब गया है और तीन चौथाई आबादी दो वक्त के निवाले को तरस रही है। (Five Special Interesting News)

लेबनान सरकार जून से धीरे-धीरे ईंधन सब्सिडी रही है, जिससे पेट्रोल की कीमतें में बीते एक महीने से भी कम समय में चार गुना बढ़ गई हैं।

लेबनान लंबे समय के ब्लैकआउट की चपेट में आ गया है।


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