द लीडर : थौनाओजम बृंदा. ये महिला आइपीएस अफसर, पूर्वोत्तर के मणिपुर राज्य की ‘लेडी सिंघम’ के तौर पर मशहूर हैं. नशे के कारोबारी (ड्रग्स माफिया) का साम्राज्य उखाड़ने का दम रखने वाली बृंदा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से भी मुचैटा ले चुकी हैं. अब एक बार फिर से वे सुर्खियों में हैं. ड्रग्स के सात आरोपियों के अदालत से आरोपमुक्त होने से आह्त बृंदा ने मुख्यमंत्री को अपना वीरता पुरस्कार लौटा दिया है. IPS Returned Gallantry Award
रविवार को उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर, ‘आगे, मणिपुर के साथ खिलवाड़ न करें’ लिखकर एक बार इस मुद्दे पर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है.
थौनाओजम बृंदा मणिपुर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP)हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को भेजे पत्र में कहा है कि मुझे नैतिक रूप से यह महसूस हुआ कि मैंने देश की आपराधिक न्यायायिक प्रणाली के अनुसार ड्यूटी नहीं की है. इसलिए खुद को सम्मान के काबिल न समझते हुए राज्य के गृह विभाग को अपना मेडल वापस कर रही हूं. तब से यह मामला सुर्खियों में बना है. IPS Returned Gallantry Award
ये है ड्रग्स का हाईप्रोफाइल मामला
साल 2018 में नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर ब्यूरो में तैनाती के दौरान ने IPS थौनाओजम बृंदा ने ड्रग्स का एक हाईप्रोफाइल मामला पकड़ा था. इसमें उन्होंने राजनीतिक रसूख वाले लुहखोसेई जोउ समेत कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया.
उस ड्रग की कीमत करीब 29 करोड़ रुपये आंकी गई थी. बाद में यह मामला तब सुर्खियों में आया जब बृंदा ने हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कर रहा कि जब वो ड्रग माफिया पर कार्रवाई कर रही थीं, तब भाजपा के एक नेता ने मुख्यमंत्री से उनकी फोन पर बात कराई थी. यानी माफिया को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने भी पैरवी की थी. IPS Returned Gallantry Award
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2018 में मिला था अवार्ड
मणिपुर में मादक पदार्थों का बड़ा कारोबार फैला है. बृंदा ने नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर ब्यूरो में तैनाती के दौरान माफिया की नाक में दम कर रखा था. ड्रग की कई बड़ी खेपें पकड़ी और तस्करों को कानूनी सजा दिलाई. इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें 13 अगस्त 2018 को मुख्यमंत्री पुलिस पदक से नवाजा गया था. इसके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं.
लॉकडाउन उल्लंघन में हो चुकीं गिरफ्तार
इसी साल 13 जुलाई को मणिपुर की राजधानी इंफाल में लागू लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में इस आइपीएस अफसर को हिरासत में लिया गया था. उनकी हिरासत का मामला जब चर्चा में आया तब विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधा.IPS Returned Gallantry अवार्ड
ये आरोप लगाते हुए कि महिला अधिकारी को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने भाजपा से जुड़े ड्रग माफिया पर शिकंजा कसा था. हालांकि बृंदा को दो घंटे बाद जुर्माने पर रिहा कर दिया गया था. IPS Returned Gallantry Award
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सोशल मीडिया पर रहतीं एक्टिव
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाली थौनाओजम बृंदा के IPS Returned Gallantry Award फेसबुक पर करीब 40 हजार फॉलोवर्स हैं. उन्होंने मणिपुर के डीएम कॉलेज से जूलॉजी में बीएससी ऑनर्स किया और पुणे यूनिवर्सिटी के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस लीगल स्टडीज से परास्नातक की डिग्री ली.