द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। भारत में जब दूसरी लहर आई तो उसने जमकर अपना कहर बरपाया. लेकिन अब जब धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो रहा है तो फिर तीसरी लहर की आशंका लोगों को डरा रही है. केरल राज्य में तेजी से बढ़ रहे केस इस बात की ओर इशारा कर रहे है कि, कई तीसरी लहर ने देश में दस्तक तो नहीं दे दी है. वहीं हमें अभी भी कोरोना को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. वरना एक बार फिर महामारी अपना विकराल रूप दिखा सकती है. बता दें कि, भारत में कोरोना की दूसरी लहर भले ही धीमी हो लेकिन तीसरी लहर की आशंका अभी भी बनी है. लेकिन इस बीच एक बार फिर सरकार ने देश में कम होते कोरोना मामलों को देखते हुए कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान खोल दिए है. लेकिन इस दौरान स्कूल खुलने के साथ ही कई राज्यों में संक्रमण के केस बढ़ने लगे है. जो एक बार फिर से लोगों की चिंता को बढ़ा रहा है.
यह भी पढ़ें: CAA Protest : शरजील इमाम की AMU स्पीच में जमानत अर्जी पर अदालत में सुनवाई शुरू
स्कूल खुलते ही बच्चों में कोरोना के बढ़ते मामले डरा रहे
सरकार ने स्कूल तो खोल दिए है लेकिन इस दौरान कुछ राज्यों में स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. पंजाब, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड ऐसे राज्य है जहां स्कूल खुलते ही बच्चों में कोरोना के बढ़ते मामले चिंतित कर रहे हैं. हालांकि झारखंड और चंडीगढ़ में ट्रेंड विपरीत है.
पंजाब में सबसे ज्यादा बच्चों में संक्रमण के मामले
पंजाब राज्य की बात करें तो यहां बच्चों में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आए है. जुलाई और अगस्त के बीच, यहां बच्चों में सक्रमण का आंकड़ा 9.6 प्रतिशत बढ़ा हैं. बता दें कि, राज्य में स्कूल 2 अगस्त से फिर से खुल गए थे.
इन राज्यों में यह है पॉजिटिविटी रेट
वहीं बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ राज्य में बच्चों में पॉजिटिविटी रेट 2 से 3 प्रतिशत के बीच रहा है. गुजरात में 26 जुलाई से स्कूल खुले हैं. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अगस्त के पहले सप्ताह में स्कूल खुल गए थे. वहीं बिहार में 16 अगस्त के बाद स्कूल खुले थे.
यह भी पढ़ें: फिर बढ़ा संक्रमण : देश में 24 घंटे में मिले 41,965 नए केस, 460 ने तोड़ा दम
स्कूल खुलने के बाद इन राज्यों में बच्चों में बढ़े संक्रमण के मामले
पंजाब : (स्कूल 2 अगस्त से दोबारा खोले गए)
जुलाई : 6.5
अगस्त : 16.1
वृद्धि का %: 9.6
बिहार : (स्कूल 16 अगस्त से दोबारा खोले गए)
जुलाई : 6.2
अगस्त : 11.5
वृद्धि का %: 5.3
मध्य प्रदेश : (स्कूल 5 अगस्त से दोबारा खोले गए)
जुलाई : 6.2
अगस्त : 9.1
वृद्धि का %: 2.9
गुजरात : (स्कूल 26 जुलाई से खोले गए)
जुलाई : 5.7
अगस्त : 8.2
वृद्धि का %: 2.5
छत्तीसगढ़ : (स्कूल 2 अगस्त से खोले गए)
जुलाई : 11.8
अगस्त : 14.1
वृद्धि का %: 2.3
उत्तराखंड : (स्कूल 2 अगस्त से खोले गए)
जुलाई : 8.8
अगस्त : 10.7
वृद्धि का %: 1.9
यह भी पढ़ें: MP : मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़क पर उतरे कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद, शिवराज सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट
इन राज्यों में स्कूल खुलने के बाद पॉजिटिविटी रेट में निगेटिव ग्रोथ दर्ज
हालांकि, कुछ ऐसे भी राज्य हैं जहां स्कूल खोले जाने के बाद से कोरोना पॉजिटिविटी रेट में निगेटिव ग्रोथ दर्ज हुई है, जिसे अच्छा संकेत माना जा रहा है. इसमें महाराष्ट्र, झारखंड और चंडीगढ़ शामिल हैं.
महाराष्ट्र : (स्कूल 17 अगस्त से खोले गए)
जुलाई : 11.2
अगस्त : 10.8
निगेटिव ग्रोथ %: -0.4
झारखंड : (स्कूल 9 अगस्त से खोले गए)
जुलाई : 7.9
अगस्त : 7.2
निगेटिव ग्रोथ %: -0.7
चंडीगढ़ : (स्कूल 9 अगस्त से खोले गए)
जुलाई :7.5
अगस्त : 7.4
निगेटिव ग्रोथ %: -0.1
झारखंड में पॉजिटिविटी रेट में आई कमी
वही बात करें पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की तो यहां 2 अगस्त के बाद स्कूल खुले थे और यहां बच्चों में सबसे कम 1.9 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट मिला है. वहीं कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां स्कूलों के फिर से खुलने के बाद सकारात्मकता प्रतिशत में नकारात्मक वृद्धि देखी गई है. झारखंड में 9 अगस्त से स्कूल खुले थे यहां 0.9 फीसदी की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है.
यह भी पढ़ें: 1 सितंबर से किन-किन राज्यों में खोले जा रहे हैं स्कूल? एक क्लिक में पढ़ें सब कुछ
दिल्ली में स्कूल खोलने को लेकर बरती जा रही सावधानी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ तेलंगाना में आंगनबाडी केंद्रों समेत सभी शिक्षण संस्थान 1 सितंबर यानी आज से खुल गए हैं. इस साल गर्मियों में कोविड की दूसरी लहर का कहर झेलने वाली दिल्ली ने स्कूल खोलने को लेकर काफी सावधानी बरती है और चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोलने का ही फैसला किया है. आज से 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को लिए फिजिकल मोड में क्लासेज शुरू कर दी गी हैं. कोचिंग कक्षाएं, कॉलेज और विश्वविद्यालय भी आज से खोलने की अनुमति है. वहीं दूसरे चरण में 8 सितंबर से कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को फिजिकल क्लास में जाने की अनुमति होगी.
जल्द बच्चों के टीकाकरण की उम्मीद
वहीं अक्टूबर में Zydus Cadilla की तीन डोज कोविड-19 डीएनए वैक्सीन के साथ 12वर्ष या उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू होने की उम्मीद है. जबकि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर भी चिंता बनी हुई है. वहीं कई विशेषज्ञों की राय है कि बच्चों की इन-बिल्ड इम्यूनिटी उन्हें वायरस से बचाएगी.
यह भी पढ़ें: UP : 69 हजार शिक्षक भर्ती घोटाले का आरोप, 6 सितंबर को लखनऊ में चंद्रशेखर आजाद का प्रोटेस्ट
तेजी से हो रहा टीकाकरण
केंद्र और राज्य सरकार ने वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ा दी है. अब काफी लोगों को टीका लग चुका है और तेजी से टीकाकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि जायकोव-डी टीके को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। यह टीका जल्दी लगाना शुरू हो जाएगा, जो 12 साल से अधिक उम्र के पुरानी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को भी लगेगा। इसके बाद अक्टूबर के अंत तक कोवैक्सीन का टीका भी बच्चों के लिए आ जाएगा। तब दो साल से 18 साल के उन सभी बच्चों को टीका लगाने का काम शुरू हो जाएगा जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। क्योंकि पुरानी बीमारियों से पीड़ित बच्चों को संक्रमण होने पर समस्या हो सकती है। फिलहाल हर बच्चे को टीका लगाना प्रमुखता नहीं है। अभी बड़े लोगों को ही टीका लगाना प्रमुखता है।
यह भी पढ़ें: सुपरटेक एमराल्ड टावर में क्या है अवैध जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया इसको गिराने का आदेश ?