कल शाम से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में किसानों और सरकार के बीच चल रहे गतिरोध के बाद प्रशासन ने बिजली, पानी की सप्लाई बंद कर दी. इसके बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने भावुक होकर घोषणा की कि वे अब किसानों का अपने गांव से लाया गया पानी ही पियेंगे. उनके भावुक वीडियो के वायरल हो जाने के बाद भी देश के विभिन्न इलाकों से किसान दिल्ली के लिए रात में ही कूच कर गए. देर रात से किसानों के रेले गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर जुटना शुरू हो गए. ये किसान गाँव से पानी की बोतलें और रोटियां लेकर आये. पानी लेकर आने वालों में किसान, महिलाएं, बच्चे और पत्रकार शामिल हैं. (Farmers boring Ghazipur border)
आज दोपहर टिकैत ने गांव से लाया गया पानी पीकर अपना संकल्प पूरा किया. इसके बाद सभा को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने घोषणा की कि धरनास्थल पर बोरिंग मशीन पहुंच गयी है और अब किसान खुद के लिए खुदाई कर पानी की व्यवस्था करेंगे. इसके बाद गाजीपुर बॉर्डर पर सबमर्सिबल से खुदाई का काम चालू कर दिया गया.
कल अटकलें लगायी जा रही थीं कि किसान आन्दोलन का बोरिया बिस्तर बंधने वाला है लेकिन टिकैत की भावुक अपील के बाद आन्दोलन दूनी ताकत के साथ उठ खड़ा हुआ. दूर-दराज से किसानों के आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पुलिस के आन्दोलन समाप्त करने के लिए दबाव बनाने की कोशिशों के बीच आन्दोलन और जोर पकड़ता जा रहा है.
इस बीच सिंघु बॉर्डर से विघटनकारी ताकतों द्वारा धरनास्थल पर पथराव की ख़बरें आ रही हैं. खुद को लोकल बता रहे कुछ लम्पटों ने शांतिपूर्ण धरनास्थल दे रहे किसानों पर जमकर पथराव किया. गौरतलब है कि आज सिंघु बॉर्डर पर कल शाम गाजीपुर बॉर्डर की कवायद को दोहराया जा रहा है. पुलिस ने आन्दोलनकारी किसानों पर धरनास्थल से हटने के लिए भारी दबाव बनाया हुआ है और गुंडों ने आसपास जमावड़ा लगा रखा है. (Farmers boring Ghazipur border)
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