10 हजार से ज्यादा बार हुए असफल… लेकिन नहीं मानी हार, जानें थॉमस एडिसन के बारे में रोचक बातें ?

द लीडर। गरीबी में बचपन गुजरा… लेकिन उन्होंने कभी हौसला नहीं खोया। और एक नई खोज की। जी हा हम बात कर रहे हैं थॉमस एडिसन के बारे में। बता दें कि, महान अमेरिकी आविष्कारक थॉमस अल्वा एडिसन ने कई प्रकार की खोज की है। उनके नाम 1093 पेटेंट हैं। जो उनका काम के प्रति समर्पण रहा है उसे दर्शाते हैं। हालांकि थॉमस एडिसन का बचपन गरीबी में गुजरा था, लेकिन उन्होंने कभी हौसला नहीं खोया। उनके द्वारा की गई बल्ब की खोज सबसे बड़ी खोज मानी जाती है। इसके अलावा उन्‍होंने फोनोग्राफी की खोज भी की।

थॉमस एडिसन ने कभी नहीं मानी हार

हालांकि सिर्फ बल्ब की खोज के लिए थॉमस अल्वा एडिसन 10,000 से अधिक बार असफल हुए। लेकिन हार नहीं मानी। आखिर में अपने चमत्कार से दुनिया में उजाला किया। थॉमस अल्वा एडिसन का बचपन बहुत ही रोचक था। वह ऐसी शख्सियत या आविष्कारक है जिनके पास डिग्री नहीं थी लेकिन अपने काम के प्रति समर्पण और जुनून दोनों था। 18 अक्टूबर 1931 को थॉमस एडिसन ने दुनिया को अलविदा कह दिया था।


यह भी पढ़ें: कांग्रेस नेता जमीर अहमद खान कुमारस्वामी से बोले- कर्नाटक के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में एक मुस्लिम का नाम बताएं


 

आइए जानते है थॉमस अल्वा एडिसन के बारे में रोचक तथ्‍य

  • थॉमस एडिसन का जन्म 11 फरवरी 1847 को मिलान, अहिया में उनका जन्‍म हुआ। एडिसन सातवी और आखिरी संतान थे। उनका बचपन बहुत गरीबी में बीता था। पहले वह कनाडा में रहते थे लेकिन बाद में अमेरिका में आकर बस गए।
  • थॉमस एडिसन बचपन से ही बहुत अलग मिजाज के रहे। वह सामान्य बच्चों से बिल्कुल अलग थे। उन्हें किसी प्रकार से खेल में रूचि नहीं थी। वह गुमसुम रहते थे और खुद से ही बातें करते थे। हालांकि वह चीजों को लेकर बहुत क्‍यूरियस रहते थे। जिनके मन में कई प्रकार के प्रश्‍न उमड़ते थे।
  • थॉमस के अलग व्यवहार को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां थी। एडिसन अपने खाली वक्‍त में नदी किनारे जाकर बैठ जाते थे और नदी में पत्‍थर मारकर विचार करते रहते थे।
  • थॉमस एडिसन की स्‍कूली पढ़ाई मां नैंसी एडिसन ने घर पर पूरी करवाई थी। क्‍योंकि उन्हें बचपन में स्कूल से निकाल दिया गया था। जिसकी पीछे रोचक कारण है। दरअसल, एडिसन के मन में लगातार उठते टेढ़े-मेढ़े सवालों से शिक्षक परेशान हो गए थे।
  • एक दिन स्‍कूल से एडिसन को एक पत्र दिया। एडिसन ने वह पत्र अपनी मां को दे दिया क्योकि उन्‍हें पढ़ते नहीं आता था। जब मां ने वह पत्र पढ़ा तो उनकी आंखों से आंसू गिरने लगे। क्‍योंकि उस पत्र में लिखा था आपके बेटे के खराब व्यवहार के चलते हम उसे पढ़ाने में असफल है।
  • एडिसन की मां दुखी नहीं करना चाहती थी, इसलिए उन्होंने कहा कि इस पत्र में लिखा है, कि आपका बेटा एक जीनियस है, जिसे पढ़ाने के लिए हमारे विद्यालय में जीनियस शिक्षकों की भी जरूरत है लेकिन हमारे अंदर इतनी काबिलियत नहीं है कि हम आपके बेटे को पढ़ा सकें, इसलिए कृपा करके उन्हें घर पर ही शिक्षा दें। इसके बाद नैंसी एडिसन ने ही थॉमस को घर पर पढ़ाया।
  • एडिसन ने अखबार बेचकर अपने आगे के जीवन की शुरुआत की। उनके अखबार का नाम था ग्रैंड ट्रंक हेराल्‍ड। मात्र 14 साल की उम्र में एडिसन ने अपनी प्रिंटिंग प्रेस शुरू कर दी थी। पैसे मिलने के बाद एडिसन ने एक्सपेरिमेंट करना शुरू कर दिए थे।
  • एडिसन ने बल्‍ब की खोज के पहले 10 हजार बार एक्सपेरिमेंट किए। लेकिन उन्होंने उसे असफलता का नाम नहीं दिया। कहा मैं कभी असफल नहीं हुआ बल्कि 10,000 ऐसे रास्‍ते निकाले जो मेरे काम नहीं आ सकते।
  • थॉमस एडिसन अपना काम अधूरा छोड़कर नहीं सोते थे। वह 4-5 दिन तक लगे रहते थे, जब तक वह पूरा नहीं हो जाता। कई बार वह खाना खाना भी भूल जाते थे।
  • पहली बार बल्ब बनाने में करीब 40 हजार डॉलर की कीमत आई थी।
  • मोशन पिक्‍चर के आविष्कार का श्रेय भी एडिसन को जाता है।
  • एडिसन ने बल्ब के अलावा आवाज रिकॉर्ड करने वाले और प्लेबैक करने वाले फोनोग्राफ का भी आविष्कार किया।
  • बल्ब में लगने वाले ऑन और ऑफ स्विच भी एडिसन ने ही बनाए।

यह भी पढ़ें:  आर्यन खान ड्रग्स केस में ओवैसी का बड़ा बयान, कहा मैं कमज़ोर मुसलमानों के साथ खड़ा हूँ न कि…


 

indra yadav

Related Posts

सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी का रास्ता साफ, नए अंतरिक्ष यात्री पहुंचे अंतरिक्ष स्टेशन

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लंबे समय से फंसे अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स की वापसी का रास्ता अब लगभग साफ हो गया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने उठाया टैरिफ का मुद्दा, पीएम मोदी की मुलाकात से पहले किया बड़ा इशारा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इरादा पीएम मोदी से मुलाकात से पहले पारस्परिक टैरिफ योजना की घोषणा करने का है।