द लीडर हिंदी, लखनऊ | वसूली कांड में फसे महाराष्ट्र के पूर्व ग्रह मंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। देश छोड़ कर भागने के शक में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। अब अनिल देशमुख देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं। देशमुख पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते 100 करोड़ से ज्यादा की वसूली का आरोप है।
वासूली के आरोपों के बाद अनिल देशमुख को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ईडी ने अनिल देशमुख को अब तक पांच बार समन भिजवाया है लेकिन वो पेश नहीं हुए हैं। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।
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Enforcement Directorate issued a lookout notice against former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh in connection with a money laundering case
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— ANI (@ANI) September 6, 2021
पूर्व पुलिस कमिश्नर ले लगाया है आरोप
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपए की वसूली के लिए पुलिस अधिकारियों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगया है। इस मामले की सीबीआई जांच चल रही है। दूसरी ओर ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। शुरू में ईडी ने देशमुख के कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।
बार और रेस्तरां से वसुलने थे पैसे
परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर यह आरोपी उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बार विस्फोटक से लदी एक एसयूवी मिलने के मामले में पद से हटाए जाने के बाद लगाया था। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा था कि अनिल देशमुख ने एएसआई सचिन वाजे को शहर के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपए से अधिक की उगाही करने के लिए कहा था।
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क्या होता है लुकआउट नोटिस ?
लुकआउट नोटिस वो होता है जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति के खिलाफ विदेश जाने से रोकने और जाँच करने का अधिकार होता है। हवाई अड्डा, बंदरगाह और अन्य संभावित जगहों से जहाँ से विदेश जाते हो, वहां के सक्षम अधिकारीयों को ऐसे अपराधी या वांछित किस्म के व्यक्तियों को रोकने और जांच परख करके सरकार को सुचना देने के लिए, गिरफ्तार करने के लिए दिया जाता है।
माल्या, मोदी, चौकसी, दाऊद, जैसे आर्थिक, सामाजिक भगोडो, अपराधियों को देश की सीमा से बाहर जाने से रोकने के लिए ये लुकआउट नोटिस का प्रावधान किया गया था। लेकिन दुर्भाग्य से आपसी मिलीभगत और सांठगाठ की वजह से ऐसे अपराधी भी गली निकालकर बच निकलते हैं। यही इस देश का दुर्भाग्य है।
पूर्व गृह मंत्री लटकने लगी गिरफ्तारी की तलवार
इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के आधार पर सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। वहीं, देशमुख अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते रहे हैं। ईडी इस मामले में अनिल देशमुख के निजी सचिव और निजी सहायक को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद अनिल देशमुख पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। देशमुख को खोजने के लिए ईडी कई जगहों पर छापेमारी भी कर चुकी है।
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क्या है पूरा मामला ?
परमबीर सिंह ने यह आरोप उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी के मिलने के बाद पद से हटाए जाने के बाद लगाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा कि राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को शहर के बार और रेस्तरां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक की उगाही करने को कहा था।
21 अप्रैल को, सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। देशमुख, जिन्होंने आरोपों के बाद अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने बार-बार किसी भी गलत काम से इनकार किया है। ईडी ने अनिल देशमुख के निजी सचिव और निजी सहायक को मुंबई और नागपुर में उनके और राकांपा नेता के खिलाफ छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था। जांच रिपोर्ट लीक होने को लेकर सीबीआई ने पहले उनके दामाद से पूछताछ की थी।
पांच बार देशमुख को भेजा जा चुका है समन
देशमुख के परिवार द्वारा नियंत्रित नागपुर स्थित एक शैक्षिक ट्रस्ट, ‘श्री साईं शिक्षण संस्थान’ में इस पैसे का कथित
तौर पर इस्तेमाल किया गया। ईडी मामले में पूछताछ के लिए अब तक पांच बार देशमुख को समन भेज चुकी है।
हालांकि देशमुख इनमें से किसी समन पर पेश नहीं हुए।
देशमुख ने समन के खिलाफ राहत मांगने और गिरफ्तारी से संरक्षण के लिए पिछले महीने उच्चतम न्यायालय का भी रुख किया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
अब तक इन लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
ईडी ने इस मामले में अब तक दो लोगों- संजीव पल्रांडे (अतिरिक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी, जो देशमुख के निजी
सचिव के रूप में काम कर रहे थे) और कुंदन शिंदे (देशमुख के निजी सहायक) को गिरफ्तार किया है। पत्रांडे ने भी
ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईइसीआईआर) को चुनौती देते हुए उच्च
न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
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