सत्ता जाते शिवसेना नेताओं की बढ़ीं मुश्किलें, संजय राउत को ED और शरद पवार को IT का नोटिस

0
312

द लीडर | महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार जाते ही नेताओं की मुश्किलें बढ़ती नज़र आरही हैं. जवाबी कारवाई में केंद्र सरकार ने मुख्य नेताओं को केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा समन भेजा गया है. सियासी उलटफेर का असर अब देखने को मिल रहा है. इस फेरबदल के बाद महाविकास अघाड़ी में शामिल नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. हालांकि सरकार बनने से कुछ दिन पहले शिवसेना नेता संजय राउत को ईडी ने समन भेजा था और पूछताछ के लिए बुलाया था, वहीं अब शरद पवार को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है. संजय राउत आज दोपहर मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालयके समक्ष पेश हुए. इधर, आयकर विभाग ने NCP प्रमुख शरद पवार को 2004, 2009, 2014 और 2020 में दायर चुनावी हलफनामों के संबंध में नोटिस भेजा है.

संजय राउत को किस बात पर नोटिस ?

ईडी ने राउत को मुंबई की एक ‘चॉल’ के री-डेवलपमेंट में घोटाले और उनकी पत्नी के अलावा दोस्तों के फाइनेंसियल ट्रांजिक्शन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में पूछताछ के लिए तलब किया. पात्रा चावल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत मुंबई में ED कार्यालय समय पर पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा-ED एक सर्वोच्च जांच एजेंसी है. मुझे समन भेजा है, उनको कुछ जानकारी चाहिए तो मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं उनका सहयोग करूं. मैं बहुत निर्भय आदमी हूं क्योंकि मैंने जिंदगी में कभी गलत काम नहीं किया. इससे पहले संजय राउत ने एक ट्वीट करके लिखा था-“आज दोपहर 12 बजे ED के समक्ष पेश होने जा रहा हूं. इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को कॉपरेट करना मेरी ड्यूटी है. कार्यकर्ताओं से अपील है कि वे ईडी दफ्तर के बाहर न जुटें.”


यह भी पढ़े –CM से डिप्टी CM बन्ने वाले पहले नेता नहीं फडणवीस, जानिए वह 5 नेता जिन्होंने एक पद नीचे संभाली कुर्सी


संजय राउत ने मांगा था समय

इससे पहले संजय राउत को 28 जून को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन राउत ने ईडी को चिट्ठी लिखकर पेशी के लिए और समय की मांग की थी. पेशी से छूट की इजाजत मिल गई है. ईडी ने दूसरा समन जारी कर आज 1 जुलाई यानी आज पेश होने को कहा. शिवसेना सांसद ने 7 जुलाई तक का समय मांगा था, लेकिन ईडी ने और वक्त देने से इनकार कर दिया है.

शरद पवार को मिली आयकर की नोटिस

एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने बताया कि उन्हें आयकर विभाग से नोटिस मिला है. पवार ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उन्हें 2004, 2009, 2014 और 2020 के चुनाव के दौरान दायर हलफनामों के संबंध में आयकर से नोटिस मिला है. पवार ने तंज कसते हुए इसे एक ‘प्रेम पत्र’ (लव लेटर) आया है. उन्होंने कहा, ”मुझे 2004, 2009, 2014 और 2020 में दायर चुनावी हलफनामों से संबंधित एक प्रेम पत्र, आयकर विभाग से एक प्रेम पत्र मिला है.” हालांकि पवार ने अधिक जानकारी नहीं दी.

महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर 

गौरतलब हो कि महाराष्ट्र में आज से 12 दिनों पहले तक सत्ता में रहने वाली शिवसेना आज विपक्ष में बैठी हुई है. शिवसेना में मंत्री रहे एकनाथ शिंदे ने बगावत कर करीब 40 विधायक को अपने खेमे में कर के महाराष्ट्र सरकार गिरा दी थी. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ मिल कर उन्होंने इस पूरे सियासी खेल को अंजाम दिया था. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद यह उम्मीद थी कि देवेन्द्र फडणवीस  ही नए मुख्यमंत्री होंगे लेकिन उन्होंने सत्ता की कुर्सी एकनाथ शिंदे को देकर खुद उपमुख्यमंत्री की कुर्सी संभल ली.

(आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)