वैक्सीन लगवा चुके लोगों पर भी खतरा, चेचक की तरह तेज़ी से फैल सकता है डेल्टा वैरिएंट

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द लीडर हिंदी, नई दिल्ली | कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट को लेकर परेशान करने वाली खबर सामने आई है। अमेरिकी स्टडी में खुलासा हुआ है कि कोरोना का यह वैरिएंट चिकनपॉक्स की तरह लोगों में तेजी से फैल सकता है।

अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) की यह स्टडी अभी पब्लिश नहीं हुई है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स में इसका एक डॉक्युमेंट छपा है। कोरोना वायरस के दूसरे वैरिएंट्स की तुलना में डेल्टा ज्यादा संक्रामक है। कुछ दिनों पहले UK में कोरोना पीड़ितों में 99% केस डेल्टा के मिले थे।

वायरस पर की गई स्टडी में चिंताजनक बात ये भी है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोग भी वैक्सीन न लगवाने वालों की तरह ही डेल्टा वैरिएंट को फैला सकते हैं।

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CDC के डायरेक्टर डॉ. रोशेल पी वालेंस्की ने बताया कि वैक्सीनेशन करा चुके लोगों की नाक और गले में उतना ही वायरस होता है, जितना कि टीकाकरण न कराने वालों में, जिससे ये आसानी से फैल जाता है।

वैक्सीन गंभीर रूप से बीमार होने से बचाएगी

हालांकि इस डॉक्युमेंट में बताया गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोग सुरक्षित हैं। वैक्सीन गंभीर रूप से बीमार होने से 90% तक बचाती है, लेकिन इससे वायरस के संक्रमण और ट्रांसमिशन से बचाव कम होता है। यही वजह है कि वैक्सीनेशन के बाद भी लोग कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित हुए।

डेल्टा की चेचक से तुलना क्यों हो रही

कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की तुलना चेचक से काफी समय से हो रही है। कुछ दिनों पहले WHO ने कहा था कि चेचक इरेडिकेशन में मिला सबक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काम आ सकता है।

कोरोना से लड़ने में चेचक की तरह वैक्सीनेशन अहम रहेगा। अब अमेरिकी स्टडी में बताया गया है कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट चेचक की ही तरह संक्रामक है। इन दोनों बीमारियों के संक्रमण का जरिया भी काफी मिलता-जुलता है।

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सामान्य सर्दी-जुकाम से कितना संक्रामक डेल्टा

डेल्टा से पीड़ित व्यक्ति औसतन 8 या 9 लोगों को संक्रमित करता है। संक्रमण का यही औसत चेचक में भी पाया जाता है। वहीं सामान्य सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति औसतन 2 लोगों में संक्रमण फैला सकता है। इन्फेक्टिविटी को RO के तौर पर जाना जाता है।

अल्फा की तुलना में डेल्टा में वायरस की संख्या 10 गुना ज्यादा

डॉक्युमेंट में बताया गया है कि डेल्टा वैरिएंट हवा में वायरस की जितनी मात्रा फैलाता है, वो अल्फा की तुलना में 10 गुना अधिक है। वहीं, डेल्टा से संक्रमित व्यक्ति में वायरस की मात्रा वायरस के मूल संस्करण से संक्रमित लोगों की तुलना में एक हजार गुना अधिक है।

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गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है डेल्टा

डेल्टा वैरिएंट का पहला मामला भारत में मिला था। इसे B.1.617.2 के रूप में जाना जाता है। यह गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। डेल्टा पर हुई इस स्टडी ने CDC वैज्ञानिकों को अलर्ट कर दिया है। अधिकारी ने कहा कि CDC इसे लेकर चिंतित है।

डेल्टा गंभीर खतरा है और इस पर एक्शन लेने की जरूरत है। CDC ने 24 जुलाई तक के आंकड़े जुटाए हैं। वैक्सीनेशन करा चुके 16.2 करोड़ अमेरिकियों में हर हफ्ते करीब 35 हजार सिम्प्टोमेटिक इन्फेक्शन मिल रहे हैं।

संक्रमण की रोकथाम के उपायों का पालन करना जरूरी

CDC डॉक्युमेंट कई अध्ययनों के डेटा पर निर्भर करता है,जिसमें प्रोविंसेटाउन, मैसाचुसेट्स में वायरस के प्रकोप का विश्लेषण शामिल है। डायरेक्टर ने कहा कि वायरस को रोकने के कुछ तरीके हैं जिन पर सभी को ध्यान देना होगा। जैसे कि मास्क पहनने की सख्त जरूरत है। स्कूल में स्टूडेंट्स, स्टाफ और विजिटर्स को भी मास्क पहनना चाहिए।

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