द लीडर : उत्तर प्रदेश के आतंक निरोधी दस्ता (ATS) ने कथित तौर पर अवैध धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी के दिल्ली स्थित आवास और दफ्तरों पर छापा मारा है. एटीएस ने उनके संगठन जमीयत इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट से जुड़े दस्तावेज खंगाले हैं. मौलाना के जिन चार ठिकानों पर छापेमारी हुई है. उसमें शाहीन बाग में मौलाना कलीम का घर, अब्दुल रहमान आवास, ग्लोबल पीस सेंटर और वर्ल्ड पीस ऑग्रेनाइजेशन शामिल है. (Maulana Kaleen Shaheen Bagh)
मौलाना कलीम, मशहूर इस्लामिक स्कॉलर हैं. मूलरूप से मुजफ्फरनगर जिले के फुलत गांव में घर है. बीते दिनों मेरठ से वापसी के दौरान एटीएस ने मौलाना कलीम और उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया था. जिन पर धर्मांतरण गिरोह संचालित करने का आरोप है.
इसी साल जून में एटीएस ने नोयडा से मौलाना उमर गौतम को गिरफ्तार किया था. इस दावे के साथ कि उमर उस संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जो देश में संगठित तरकीे से धर्मांतरण करा रहा है. और इसके लिए विदेशी फंडिंग भी होती है. इसी कड़ी में एटीएस ने मौलाना कलीम को गिरफ्तार किया.
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एटीएस के मुताबिक जून से अब तक धर्मांतरण के मामले में 15 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. और विशेष अदालत के आदेश पर मंगलवार को दिल्ली पुलिस के साथ शाहीन बाग में मौलाना के ठिकानों की तलाशी ली गई है.
इसके लिए छह टीमें गठित की गई थीं. जिसमें कमांडो भी शामिल किए गए. एटीएस के दावे के मुताबिक तलाशी के दौरान कंप्यूटर, टैबलेट और कुछ दस्तावेज मिले हैं. एटीएस ने उन्हें कब्जे में ले लिया है. जांच के क्रम में जुटाए गए ये दस्तावेज अदालत के समक्ष पेश किए जाएंगे.
आपको बता दें कि मौलाना कलीम सिद्दीकी 7 सितंबर को ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)के प्रमुख मोहन भागवत से मुंबई में मिले थे. जहां वह आरएसएस के ही बुलावे पर पहुंचे थे. इसके चंद रोज बाद ही मौलाना को एटीएस ने उठा लिया था.
मौलाना की गिरफ्तारी को लेकर मुस्लिम समाज में जबरदस्त नाराजगी है. और उनके पक्ष में देश भर में विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं. यहां तक कि फिरकों में बंटे मुसलमान भी मौलाना की गिरफ्तारी के विरोध में खड़े हैं.
हाल ही में उर्से रजवी के दौरान तंजीम उलमा-ए-इस्लाम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक बैठक हुई. और प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा था कि, अवैध धर्मांतरण के नाम पर उलमा की गिरफ्तार की जा रही हैं. ये नाकाबिले बर्दाश्त है.
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. और इससे पहले जिस तरीके से अवैध धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार और प्रशासनिक मशीनरी एक्टिव है. उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा कि ये चुनावी मुद्दा बनना तय है. (Maulana Kaleen Shaheen Bagh)