नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU)के छात्र रहे उमर खालिद की दिल्ली दंगों में जमानत याचिका पर अदालत में सुनवाई जारी है. उमर के वकील त्रिदीप पेस ने कोर्ट में कहा-पूर्वी दिल्ली दंगों को लेकर उनके मुवक्किल के खिलाफ दायर चार्जशीट ने उन्हें सांप्रदायिक रूप में पेश किया है. ”जबकि इस रिपोर्ट को ड्राफ्ट करने वाला अधिकारी है और उसका दिमाग सांप्रदायिक था. ” (Umar Khalid Trideep Pais)
उमर की जमानत अर्जी पर जस्टिस अमिताभ रावत की कोर्ट में सुनवाई चल रही है. उनके बचाव में वकील पेस ने ये दलील दी कि, उमर के खिलाफ आरोप पत्र टीवी चैनल की स्क्रिप्ट जैसा लग रहा.
पेस ने हैरी पॉटर के मशहूर कैरेक्टर विलियन वोल्ड मार्ट का हवाला देते हुए कहा कि, पुलिस द्वारा दायर अंतिम रिपोर्ट बकवास थी. और इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए था.
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पेस ने दलील पेश की, जिस पुलिस अफसर ने आरोप पत्र तैयार किया है. ये उसकी कल्पनाओं का नतीजा है. वह किसी वेब सीरीज की स्क्रिप्ट नहीं लिख रहे हैं. बल्कि ये चार्जशीट है. इस मामले की सुनवाई अब सोमवार को होगी.
इससे पिछली तारीख पर सुनवाई के दौरान त्रिदीप पेस ने कई गंभीर पहलुओं को अदालत के सामने रखते हुए दिल्ली पुलिस की भूमिका को कठघरे में खड़ा किया था. उन्होंने तर्क दिया था कि, जिस एक वीडियो के आधार पर उनके मुवक्किल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. (Umar Khalid Trideep Pais)
असल में उसे भाजपा नेता ने ट्वीट किया था. जिसे टीवी चैनलों ने प्रसारित किया. पुलिस ने इसी को आधार बनाकर मामला दर्ज किया. लेकिन वे इसके सिवाई कोई और सुबूत नहीं जुटा पाए. पेस ने बिना सत्यापित सामग्री प्रचारित किए जाने को लेकर मीडिया की भी आलोचना की थी.
पिछले साल फरवरी 2020 में पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क गए थे. उमर खालिद पर इसकी साजिश का आरोप है. जबकि दंगों के वक्त उमर दिल्ली में नहीं थे ही नहीं.
बाद में दिल्ली दंगों से जुड़ी एफआइआर के साथ उनके खिलाफ गैर कानून गतिविधि रोकथाम अधिनियम-यूएपीए के अंतर्गत भी कार्रवाई की गई थी. यूएपीए मामले में ही उन्होंने जमानत अर्जी दायर कर रखी है. जिस पर सुनवाई चल रही है. (Umar Khalid Trideep Pais)