द लीडर : किसान आंदोलन का समर्थन जताने वाली स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटाथुनबर्ग पर एफआइआर मामले में दिल्ली पुलिस ने सफाई दी है. विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने कहा कि एफआइआर में किसी का नाम नहीं है. ये कवल टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ है, जो जांच का विषय है. दिल्ली पुलिस उस मामले की जांच करेगी. इस सफाई पर जेएनयू के छात्रनेता रहे कन्हैया कुमार ने तंज कसा है.
कन्हैया कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि, ‘अब दिल्ली पुलिस कह रही है कि स्कूल-किड पर नहीं टूलकिट पर एफआइआर की है. भाई, क्यूं दुनिया में भारत की थू-थू करवा रहे हो. अगर सचमुच देश को बचाना है तो ट्वीटर से ज्यादा फॉर्मर को प्रमुखता देनी होगी.’
अब दिल्ली पुलिस कह रही है कि ‘स्कूल-किड’ पर नहीं ‘टूल-किट’ पर एफआईआर किया है। भाई, क्यूँ दुनियाँ में भारत की थू-थू करवा रहे हो? अगर सचमुच देश को बचाना है तो Twitter से ज़्यादा Farmer को प्रमुखता देनी होगी।#GretaThunberg https://t.co/LB0QIjnJ5L
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 4, 2021
ग्रेटा बोलीं, कोई धमकी डिगा नहीं सकती
ग्रेटाथुनबर्ग विश्व की जानमानी पर्यावरण कार्यकर्ता हैं. किसानों के आंदोलन पर उन्होंने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को समर्थन दिया था. गुरुवार को उनके विरुद्ध जब एफआइआर की खबर सामने आई. तो ग्रेटा ने एक और ट्वीट किया. इसमें दोहराया कि मानवाधिकार के मुद्दे पर कोई भी धमकी उन्हें डिगा नहीं सकती है.
I still #StandWithFarmers and support their peaceful protest.
No amount of hate, threats or violations of human rights will ever change that. #FarmersProtest— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 4, 2021
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भारत को बदनाम करने की विदेशी साजिश : जावड़ेकर
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जो टूलकिट का मामला है. बेहद गंभीर है. साफ होता है कि कुछ विदेशी ताकतें भारत को बदनाम करने की साजिश कर रही हैं.
जो टूलकिट का मामला है वह बहुत गंभीर है। साफ होता है कि कुछ विदेशी ताकतें भारत को बदनाम करने की साजिश कर रही हैं: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर https://t.co/I48lqf0mgU pic.twitter.com/aIdfSAYR5E
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 4, 2021
इससे पहले अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना ने किसान आंदोलन से जुड़ी सीएनएन की खबर को रि-ट्वीट करते हुए कहा था कि हम इस पर बात क्यों नहीं करते? उनके इस ट्वीट के बाद से पूरी दुनिया में आंदोलन पर चर्चा होनी लगी. बाद में भारतीय विदेश मंत्रालय ने रिहाना के इस ट्वीट की आलोचना की थी.