Delhi Court : उमर खालिद और खालिद सैफी कोई गैंगेस्टर नहीं हैं, जो उन्हें बेड़ियां पहनाकर लाया जाए

द लीडर : दिल्ली पुलिस की वो ख्वाहिश अधूरी रह गई, जिसमें उमर खालिद को वो, बेड़ियों में अदालत लाना चाहती थी. इस इरादे से दायर याचिका को दिल्ली की एक अदालत ने खारिज कर दिया है. और सख्त टिप्पणी भी की है, जिस पर गौर किया जाना जरूरी है.

अदालत ने अपने आदेश में ये कहा

अदालत ने अपने आदेश में कहा,-आरोपी शख्स, जिन्हें बेड़ियां और हथकड़ियां पहनाकर लाने की मांग की गई है. वे पिछले किसी मामले में दोषी नहीं हैं. न ही गैंगेस्टर हैं. ऐसा लगता है कि इस आवेदन में दिल्ली पुलिस और जेल प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया और यांत्रिक तरीके से एप्लीकेशन दायर की है.

“The accused persons, who are sought to be produced in fetters and handcuffs are admittedly not previous convicts. they are not even gangster. the application appear to have been filed in a mechanical manner, without application of mind by the high echelon of Delhi Police and prison authority.”

अदालत ने कहा दिल्ली में कोविड के नए प्रोटोकॉल अधिसूचित किए गए हैं. चार मई को एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक के मिनिट्स भी आ चुके हैं. जिसके मद्देनजर आरोपी व्यक्तियों को अभी फिजिकली अदालत में पेश नहीं किया जा रहा है. इसलिए इस स्तर पर आवेदन की जरूरत नहीं है.


इसे भी पढ़ें – आसिफ इकबाल तन्हा का कुबूलनामा मीडिया में लीक होने की जांच रिपोर्ट पर हाईकोर्ट की दिल्ली पुलिस को फटकार


“Be that as it may, since now fresh Covid protocols have been notified in Delhi and even the minutes of of High Powered Committee dated 04-05-2021 are in place, now the accused persons are not being produced in Court physically, therefore, these application(s)at this stage are not required. The application are accordingly dismissed as not required at this stage.”

दरअसल, दिल्ली पुलिस ने अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उमर खालिद और खालिद सैफी को हथकड़ी पहनाकर न्यायालय लाने की अनुमति मांगी थी. इसी मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी है.

JNU के छात्र रहे हैं उमर खालिद

उमर खालिद, जोकि दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरूर विश्वविद्यालय (JNU)के छात्र रहे हैं. उन्होंने जेएनयू से ही इतिहास में एमफिल और पीएचडी की. दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक किया है. वे पिछले साल फरवरी में दिल्ली में भड़के दंगों के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में हैं. इसी मामले में खालिद सैफी भी जेल में हैं.


इसे भी पढ़ें – दिल्ली दंगा : तिहाड़ जेल में बंद सीएए एक्टिविस्ट और जेएनयू की शोध छात्रा नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल का कोविड से निधन


पेशी के दौरान के वीडियो हो गए थे वायरल 

दरअसल, संक्रमण की दूसरी लहर से पहले एक मामले की सुनवाई के लिए, अदालत में पेशी के दौरान उमर खालिद और खालिद सैफी के किसी ने वीडियो रिकॉर्ड कर लिए थे. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे. जिसमें उमर और सैफी अलग-अलग वीडियों में खुश देखे जा रहे थे. जेएनयू के एक छात्र और एक्टिविस्ट ये अंदेशा जताते हैं कि शायद उन्हीं वीडियो के कारण पुलिस ने हथकड़ी में लाने की अनुमति के लिए याचिका लगाई थी.

उमर खालिद और खालिद सैफी दिल्ली दंगों से जुड़ी एफआइआर में आरोपी हैं. उमर को अन्य कुछ मामलों में जमानत मिल चुकी है. हाल में उमर ने जेल से लिखे एक लेख में अपने दर्द का इजहार किया था.


इसे भी पढ़ें – UP Politics : ‘कभी खुले आसमान पर वो लिख देते थे संदेशे, अब किसी और के पते पर बंद लिफाफे आते हैं’ : अखिलेश यादव


पिछले साल सीएए-एनआरसी के विरोध में देश में बड़े पैमाने पर आंदोलन हुए थे. इसमें शाहीन बाग का आंदोलन पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बनाया था. इसी आंदोलन को लेकर दिल्ली में दंगे भड़क गए थे. जिसमें उमर खालिद को आरोपी बनाया गया था. इसको लेकर दिल्ली पुलिस की काफी आलोचना भी हुई थी.

Ateeq Khan

Related Posts

बरेली में केलाडांडी का माहौल जांचने पहुंचे डीएम-एसएसपी

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में जुमे के दिन जिस केलाडांडी गांव में मस्जिद बनाम विवादित स्थल का तनाज़ा खड़ा हुआ, वहां माहौल का जायज़ा लेने के लिए…

बरेली में बिना रंजिश क्यों क़त्ल किए गए सेना के रिटायर्ड माली

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में कैंट के मिलिट्री डेयरी फॉर्म के पास झोंपड़ीनुमा कमरा बनाकर रहने वाले बुज़ुर्ग रिटायर्ड माली की लाश मिली है. तब जबकि उन्हें…