द लीडर : अजमेर शरीफ में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह जायरीनों के लिए खोल दी गई है. सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक अकीदतमंद हाजिरी दे सकते हैं. दरगाह आने वाले जायरीनों को आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट को कोविड का पहला टीका लगवाना होगा. ऐसी हिदायतें जारी की गई हैं. दरगाह के गद्दीनशीन सय्यद इरफान अली चिश्ती ने द लीडर को बताया, संक्रमण की दूसरी लहर तक दरगाह परिसर या आस-पास एक भी केस नहीं निकला है.
संक्रमण की दूसरी लहर में दरगाह पर जायरीन की आमद बंद कर दी गई थी. केवल खादिम और दरगाह प्रबंधन के दूसरे जिम्मेदारों को ही परिसर में रहने की इजाजत थी. चूंकि अब दूसरी लहर खात्मे की ओर है. ऐसे में दरगाह को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है.
लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से दरगाह पर फूल-चादर पेश करने से बचने की सलाहें दी गई हैं. इसको लेकर दरगाह के खादिमों ने प्रशासन के समक्ष आपत्ति भी दर्ज कराई. सय्यद इरफान चिश्ती कहते हैं कि देश या राज्य में जहां भी वीवीआइपी कार्यक्रम होते हैं. वहां भव्य पंडाल सजाए जाते. दूसरी ओर मजहबी कार्यक्रमों पर तमाम बंदिशें लगाई जातीं. ये उचित नहीं है.
इसे भी पढ़ें – प्रधानमंत्री ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर भेजी चादर, 19 को होगा कुल शरीफ
सय्यद इरफान चिश्ती बताते हैं कि इसको लेकर राज्य सरकार को भी शिकायत भेजी गई है. वह दावा करते हैं कि राजस्थान से बेहतर स्थिति तो उत्तर प्रदेश में हैं.
एक भी केस नहीं होने का दावा
सय्यद इरफान चिश्ती ये दावा करते हैं कि दरगाह परिसर में आज तक संक्रमण का कोई केस नहीं निकला है. दूसरी बात, शासन-प्रशासन की जो गाइडलाइन्स हैं, उनका पालन किया जाता. लोग खुद भी एहतियात बरततते हैं.
देश के हर हिस्से से पहुंचे जायरीन
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर हाजिरी के लिए देश के हर हिस्से से और तमाम पंथ-धर्मों के जायरीन पहुंचते हैं. पिछला उर्स भी संक्रमण की परिस्थितियों के बीच गुजरा. इसके बाद फिर स्थितियां बिगड़ गईं और संक्रमण की बंदिशों के कारण जायरीन यहां नहीं पहुंच सके. गद़्दीनशीन बताते हैं कि अब लोग आ रहे हैं. प्रबंधन और खादिमों की ओर से उनके लिए व्यवस्थाएं की गई हैं. सरकारी गाइडलाइन्स का पालन कराया जा रहा है.