दरगाह : क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान के दामाद को धमकी, आख़िर थम क्यों नहीं रहा विवादों का बवंडर!

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Threat Dargah Ala Hazrat
दरगाह आला हज़रत-दूसरी तस्वीर जमात रज़ा-ए-मुस्तफा मुख्यालय की है.

द लीडर : दरगाह आला हज़रत (Dargah Ala Hazrat) आई एक ग़ुमनाम चिट्ठी ने फिर से अंदरूनी कलह की परत खोल दी है. ये ख़त तो धमकी भरा है, जो ज़मात रज़ा-ए-मुस्तफा (Jamat Raza e Mustafa) के उपाध्यक्ष सलमान हसन ख़ान के नाम आया है. जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है. फोन कॉल भी आए. सलमान हसन ख़ान क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान मुफ़्ती असजद रज़ा क़ादरी (Grand Mufti Asjad Raza Qadri) के दामाद हैं. इस लिहाज से ये मामला गंभीर है. (Threat Dargah Ala Hazrat )

जमात के प्रतिनिधि मंडल ने ये धमकी वाली चिट्ठी पुलिस-प्रशासन को सौंपकर जांच की मांग की है. ज़ाहिर है कि पुलिस जांच में जुट भी गई है. लेकिन दरगाह के हलके में इस धमकी के संदर्भ में दूसरी चर्चा है. जो अंदर के बवंडर को बाहर लाती है. इस पर बात करने से पहले ये जान लेते हैं कि दरगाह पर किस-किसको पुलिस सिक्योरिटी मिली है.

दरगाह आला हज़रत पर एक अस्थायी पुलिस चौकी है. जहां तीन पुलिसकर्मी तैनात हैं. जबकि दरगाह ताजुश्शरिया की सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी तैनात हैं. दरगाह आला हज़रत के प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा ख़ां और सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा खां क़ादरी के पास कोई पुलिस सिक्योरिटी नहीं है. हालांकि वे पुलिस सिक्योरिटी की मांग उठा चुके हैं.


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जबकि दरग़ाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन और क़ाजी-ए-हिंदुस्तान मुफ़्ती असजद रज़ा क़ादरी को पुलिस सिक्योरिटी मिली है. उनके पास दो गार्ड हैं. उनके दामाद सलमान हसन ख़ान जो जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष हैं-उन्हें भी पुलिस सुरक्षा मिली है. सलमान हसन ख़ान के पास भी दो गार्ड तैनात हैं. उधर नबीरे आला हज़रत मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान को भी सुरक्षा मिली है. जो राजनीतिक शख़्सियत हैं. उनकी पार्टी है इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल, जिसके वह मुखिया हैं. (Threat Dargah Ala Hazrat )

धार्मिक संस्थाओं के ओहदेदारों के तौर पर देखें तो दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादा और जमात रज़ा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष-सिर्फ इन्हीं दो लोगों को पुलिस सिक्योरिटी हासिल है. ज़मात रज़ा-ए-मुस्तफा 102 साल पुराना संगठन है. जिसका गठन आला हज़रत, इमाम अहमद रज़ा ख़ा ने किया था. अब इसकी सरपरस्ती मुफ़्ती असजद रज़ा क़ादरी कर रहे हैं. लेकिन प्रमुख कर्ता-धर्ता उनके दामाद सलमान हसन ख़ान ही हैं.

जमात के उपाध्यक्ष को धमकी और आपसी कलह

-अब बात करते हैं सलमान हसन ख़ान को मिली धमकी पर. जमात के प्रवक्ता समरान ख़ान के मुताबिक, उपाध्यक्ष सलमान हसन ख़ान को फोन पर दो बार धमकी मिल चुकी है. और अब एक रजिस्टर्ड डाक आई है. जिसमें जान से मारने की बात कही गई है.

कहा गया है कि इस काम के लिए शूटर भी लगा दिए गए हैं. जब वह आगरा गए थे, तब उन्हें मारने की कोशिश की गई. लेकिन क़ामयाबी नहीं मिली. इसको लेकर डीजीपी को संबोधित शिकायती पत्र एडीजी को दिया है. हमने इसे गंभीरता से लेकर सभी पहलुओं पर जांच और कार्रवाई की मांग की है. (Threat Dargah Ala Hazrat )

ये तो है धमकी की बात. लेकिन इसको लेकर दरगाह के अंदरूनी हिस्से में जो चर्चा है. अब उस पर बात करते हैं. दरगाह आला हज़रत से जुड़े लोग दबी ज़ुबान ये कह रहे हैं कि ये सब सिक्योरिटी बरक़रार रखने के लिए किया गया है.

चूंकि पुलिस सिक्योरिटी के बल पर हनक दिखाने का इल्ज़ाम लगाकर दरगाह के कुछ लोगों ने शासन में सलमान हसन ख़ान की शिकायत की है. चर्चाएं और भी हैं, मतलब जितने मुंह-उतनी बातें. लेकिन इतना स्पष्ट है कि दरगाह के लोगों के बीच अंदरूनी तौर पर जबरदस्त घमासान मचा है.

सीएम योगी से मुलाक़ात के बाद मिली थी सुरक्षा

सलमान हसन ख़ान ने पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की थी. इसको लेकर दरग़ाह आला हज़रत घराने में जबरदस्त विवाद मचा था. मौलाना मन्नानी मियां से लेकर मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान-सभी ने एक सुर में दरगाह के हवाले से इस मुलाक़ात पर एतराज़ जताया था. (Threat Dargah Ala Hazrat )

आपको बता दें कि सीएम से मुलाक़ात के बाद ही सलमान हसन ख़ान को पुलिस सिक्योरिटी मिली थी. इसके बाद कुछ और भी विवाद हुए, लेकिन वो अंदर ही अंदर थम गए.

लेकिन अब जो घटनाक्रम सामने आया है. वो हैरान करने वाला है. सलमान हसन ख़ान को जान से मारने की धमकी किसने और क्यों दी है. ये मसला गंभीर है और जांच का विषय भी. बहरहाल, जब पुलिस मामले की जांच कर रही है तो दरगाह से जुड़े विवाद भी इसकी जद में आना तय हैं. फिलहाल सच क्या है, यह जांच के बाद ही सामने आएगा.

इस मामले में सलमान हसन ख़ान की पुलिस के आला अधिकारियों से भी बात हुई है. जिसमें उन्हें जल्द ही मामले के पर्दाफाश का आश्वासन मिला है. (Threat Dargah Ala Hazrat )

हालांकि धमकी भरी चिट्टी के आख़िर में जय श्रीराम का उद्घोष भी है. लेकिन एक फैक्ट ये भी है कि सलमान हसन ख़ान ने कभी कोई ऐसी बयानबाजी भी नहीं की है, जिससे दूसरे समुदाय का कोई शख़्स उन्हें जान से मारने की ठान ले. जैसे कि धमकी वाले पत्र की भाषा से ज़ाहिर होता है.


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