आला हज़रत के इस उर्स में क्यों बेशुमार भीड़ जुटने का लगाया जा रहा अंदाज़ा, क्या है दरगाह की तैयारी

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Ala Hazrat 104th Urse Razvi
दरगाह आला हज़रत.

द लीडर : आला हज़रत के सालाना उर्से रज़वी की तैयारियों का सिलसिला तेज़ हो चला है. उत्तर प्रदेश के ज़िला बरेली में आला हज़रत की दरगाह है. जहां इसी महीने की 21, 22 और 23 सितंबर को 104वां उर्से रज़वी मनाया जाएगा. तीन साल बाद दरगाह इंतजामिया एक बार फ़िर से इसकी रौनक बिखेरने की कोशिश में जुटे हैं, जो प्रतिबंधों में खोई रही थी. (Ala Hazrat 104th Urse Razvi)

इसको लेकर बरेली में लगातार बैठकों का दौर जारी है. दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा ख़ान-सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी-अहसन मियां इन मीटिंग्स की सरपरस्ती कर रहे हैं. चूंकि पिछले तीन सालों से उर्स सीमित ज़ायरीन की मौजूदगी में मनाया जाता रहा है. पिछले बरस रोक के बावजूद लाखों की भीड़ उर्स में पहुंच गई थी.

इस बार वो सारे प्रतिबंध हट गए हैं, जिनमें भीड़ के जमावाड़े पर रोक लगी थी. इसलिए माना जा रहा है कि अबकी ज़ायरीन की भीड़ सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती है. वजह ये है कि जो लोग पिछले तीन सालों से उर्स में हाज़िरी देना चाहते थे, लेकिन रोक की वजह से नहीं आए. उनके इस बार हाज़िर होने का अंदाजा लगाया जा रहा है. (Ala Hazrat 104th Urse Razvi)


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दरगाह इंतजामिया की ये मीटिंग उर्स की व्यवस्थाओं को लेकर हुई है. जिसमें खाने, पीने, ज़ायरीन के ठहरने और दूसरे तमाम पहलुओं पर मंथन किया गया. सज्जादानशीन अहसन रज़ा क़ादरी ने कहा कि उर्से रज़वी पूरी शानो शौकत के साथ मनाया जाएगा. इसलिए जिन लोगों के पास जो भी ज़िम्मेदारी है, उसे पूरा करने में जुट जाएं. दुनियाभर से लाखों ज़ायरीन उर्स में आएंगे. उनके खाने-पीने और रहने की बेहतर व्यवस्था में कोई कसर बाकी न रहे.

सज्जादानशीन ने शहरवासियों से भी अपील है कि जिस तरह से वे हमेशा उर्स में सहयोग करते आ रहे हैं. चाहें वो ज़ायरीन के ठहरने का बंदोवस्त हो, लंगर, सबील और दूसरे तरीके से मदद करना. इस बार भी उसी जज़्बे के साथ मेहमानों की ख़िदमत करें. (Ala Hazrat 104th Urse Razvi)

मदरसा मंजरे इस्लाम के शिक्षक मुफ़्ती सलीम नूरी ने कहा, उर्स में हिंदुस्तान के कोने-कोने से ज़ायरीन आएंगे. इसके अलावा बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, सऊदी अरब, मॉरीशस, तुर्की, अफ्रीका, मिस्र, दुबई, अमेरिका, इंग्लैंड, हॉलेंड आदि मुल्कों से भी ज़ायरीन के पहुंचने की सूचना है. बाहर से आने वाले किसी मेहमान की सेवा में कोई कमी नहीं रहने पाए. चूंकि बरेली अपनी मुहब्बत और गंगा-जमुनी तहज़ीब को लेकर दुनियाभर में पहचानी जाती है. तो हमें ज़ायरीन को उसी मुहब्बत का दीदार कराना है.

दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स को लेकर शहर और देहात क्षेत्रों में लगातार बैठकें की जा रही हैं. दरगाह प्रमुख की ओर से ाजारी पोस्टर दुनियाभर में पहुंचाया जा रहा है. आज भी दो जगहों पर मीटिंग्स हुई हैं. बैठक में टीटीएस के सभी पदाधिकारी शामिल रहे. (Ala Hazrat 104th Urse Razvi)

आपको बता दें कि उर्से रज़वी का पोस्टर पहले ही जारी हो चुका है, उसके साथ दरगाह प्रमुख का पैग़ाम भी, जिसमें मुस्लिम समुदाय, उनकी इबादहगाहों से लेकर तमाम मुद्​दों पर बात की गई है. उलमा की तकरीरों को लेकर भी कुछ टॉपिक्स निर्धारित किए गए हैं, जिन पर उर्से रज़वी के मंच से बात की जाएगी.


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