कोरोनिल बनाने वाली रामदेव की पतंजलि में कोरोना विस्फोट, 73 कर्मचारी और छात्र संक्रमित

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द लीडर हरिद्वार।

कोरोनिल दवा बना कर कोरोना के खिलाफ से सबसे पहले ताल ठोंकने वाले बाबा रामदेव का पतंजलि योगपीठ कोरोना का बड़ा ठिकाना बन गया।
पतंजलि के विभिन्न प्रकल्पों में अब तक 73 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। सोमवार को भी यहां पांच नए मामले सामने आए। 18 अप्रैल को पंतजलि के प्रकल्पों में सबसे अधिक 39 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। संस्थान में इतनी बड़ी संख्या में संक्रमितों के मिलने से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। आईआईटी रुड़की के बाद पतंजलि योगपीठ के विभिन्न प्रकल्पों में कोविड की नई लहर ने सबसे बड़ा हमला किया है।
10 अप्रैल को पतंजलि योगपीठ में पांच संक्रमित मिले थे। 14 अप्रैल को 14 लोगों कोविड संक्रमण मिला। दो दिन की राहत के बाद 17 अप्रैल को फिर से 10 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अगले दिन 18 अप्रैल को योग ग्राम में 20, पतंजिल योगपीठ में 10 और आचार्यकुलम में नौ लोग संक्रमित मिले। सोमवार को योग ग्राम में पांच लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सीएमओ डॉ. एसके झा ने बताया कि पतंजलि के विभिन्न प्रकल्पों में मिले संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों को चिह्नित कर आरटी-पीसीआर सैंपल लिए जा रहे हैं।
रामदेव के गढ़ में कोरोना का हमला उनकी पोल खोलने वाला है जो पहले कोरोना की पहली दवा लांच कर रहे थे और उसी को इम्युनिटी बूस्टर बता कर बेचने लगे। 23 जून 2020 को रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट’ ने बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इसमें ‘कोरोनिल’ और ‘श्वासारी वटी’ नाम की 2 दवाएं पेश कर कोविड-19 के इलाज का दावा किया गया।. रामदेव ने इसके क्लिनिकल ट्रायल में सफल होने का दावा भी किया. ये वह समय है जब पूरी दुनिया में कोविड के नियंत्रण के लिए क्लिनिकल ट्रायल्स काफी तेजी से चल रहे थे। पतंजलि के इस दावे को फ्राड बताते हुए देश में कुछ एफआईआर भी दर्ज हुईं। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को कई सवालों के जवाब पेश करने को भी कहा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रामदेव की इस दावा के प्रचार-प्रसार पर रोक भी लगा दी। ये अलग बात है कि उस समय इस तरह के हवाई दावे करने वालों के खिलाफ महामारी एक्ट में मुक़दमे कायम कर उन्हें जेलों में ठूंसा जा रहा था।इसके बाद पतंजलि ने इम्युनिटी बूस्टर बता कर ये दवा बेची।
फरवरी 2021 में रामदेव ने फिर से धमाका करते हुए कोरोना वायरस की प्रमाणित दवा लांच करने का दावा किया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी उपस्थित थे।
इस दवा के विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत आयुष मंत्रालय से प्रमाणित होने का भी दावा किया गया। हर्षवर्धन और गडकरी ने भी आयुर्वेद की महिमा का बखान किया। कार्यक्रम में पतंजलि ने कोरोनिल और श्वासारी के अलावा पीड़ानिल, मधुनाशिनी, मुक्तावटी, इम्युनोग्रिट, प्रोस्टोग्रिट, आदि दवाएं लांच की। अब पतंजलि पर ही कोरोना का हमला हुआ है और दावे करने वाले रामदेव मौन हैं।

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