सुनंदा पुष्कर मौत मामले में अब 18 अगस्त को फैसला सुनाएगी कोर्ट

द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अब 18 अगस्त को कोर्ट फैसला सुनाएगी. बता दें कि, मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई चली. लेकिन अब कोर्ट इस पर फैसला 18 अगस्त को लेगी.

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पुलिस ने अपनी चार्जशीट में दिग्गज कांग्रेस नेता और केरल से सांसद शशि थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 478 ए (वैवाहिक क्रूरता) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत आरोप लगाए थे.

कोर्ट ने सुनवाई से पहले शशि थरूर के वकील विकास पहवा से सवाल किया कि, क्या वे कुछ और इस केस पर कहना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा कि, उन्होंने इस केस में पहले ही बहस कर ली है.

18 अगस्त को अगली सुनवाई होगी

वहीं पब्लिक प्रॉसीक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि, ऐसे कई पहले सुने गए मामले हैं, जिनमें प्रथम दृष्टया साक्ष्यों को आधार माना गया है. हम हर दिन सीखते हैं. मानसिक यंत्रणा पर कई जजमेंट्स हैं. दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि, हम इस मामले पर 18 अगस्त को फैसला देंगे.

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एडिशनल सेशन जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट इस केस की सुनवाई कर रही है. अगर कोर्ट आरोप तय करती है तो शशि थरूर को मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है. सुनंदा पुष्कर जनवरी 2014 में एक होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं.

मेडिकल रिपोर्ट में सुनंदा के शरीर से ड्रग्स की मौजूदगी की बात सामने आई थी

मेडिकल रिपोर्ट में सुनंदा के शरीर में ड्रग्स की मौजूदगी की बात सामने आई थी. जबकि प्रारंभिक जांच में हत्या के एंगल पर भी छानबीन हो रही थी लेकिन पुलिस ने आखिरकार आत्महत्या के लिए चार्जशीट दायर की. इससे पहले, दोनों पक्षों में हुई बहस के बाद आरोप तय करने के आदेश को टाल दिया गया था.

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मानसिक प्रताड़ना की सामने आई थी बात!

अपने तर्क में, पब्लिक प्रोसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने जोर देकर कहा था कि, सुनंदा पुष्कर को मानसिक क्रूरता का सामना करना पड़ा था, जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था. उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि, यह एक स्वाभाविक मौत नहीं है. मौत की वजह जहर है, जिसे मौखिक या इंजेक्शन के जरिए भी दिया जा सकता था.

बचाव पक्ष ने सभी आरोपों से किया था इनकार

शशि थरूर के लिए, वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पहवा ने तर्क दिया था कि, अभियोजन पक्ष कांग्रेस नेता के खिलाफ सबूत स्थापित करने में सक्षम नहीं है, और उन्हें आरोप मुक्त किया जाना चाहिए.

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शशि थरूर के वकील ने यह भी तर्क दिया था कि, यह दावा कि सुनंदा पुष्कर ने अपने पति द्वारा क्रूरता की वजह से जहर का इंजेक्शन लगाया था, यह महज हवा-हवाई बात है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

 

indra yadav

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