द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर की तबाही के बाद अब देश में नए मामलों में लगातार कमी आ रही है. केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयास से कोरोना की रफ्तार रुकी है. इस बीच वैक्सीनेशन (Vaccination) की रफ्तार भी बढ़ाई गई है. लेकिन 8 राज्य ऐसे हैं जहां पर संक्रमण दर अभी चिंताजनक बनी हुई है.
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इसे देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से इन राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि कोरोना के खिलाफ ढील नहीं देनी है और तेज एक्शन लिए जाने की जरूरत है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इन राज्यों को खत लिखा है. उन्होंने राज्यों से अपील की है कि कोरोना के खिलाफ न सिर्फ एक्शन तेज किए जाएं बल्कि इनसे संबंधित जानकारी भी केंद्र से शेयर की जाए. जिन राज्यों में संक्रमण दर ज्यादा हैं उनके नाम हैं-अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, केरल, असम, मेघालय, ओडिशा, त्रिपुरा और सिक्किम.
उत्तर पूर्वी राज्यों में प्रभाव
बता दें कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव को लेकर कहा गया था कि ये पश्चिम से पूर्व दिशा की तरफ है. इस वक्त देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में इसका खासा प्रभाव है. इसी क्रम में उत्तर पूर्वी राज्यों को कोरोना के प्रति सचेत रहने के लिए कहा गया है. इसके अलावा देश में ऑक्सीजन सप्लाई कर ख्याति बटोरने वाले ओडिशा में भी इस वक्त संक्रमण दर ज्यादा है.
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केरल की चिंताजनक स्थिति
पहली लहर में कोरोना के खिलाफ बेहतरीन कदमों के प्रशंसा पाने वाले केरल में भी कोरोना की रफ्तार चिंताजनक बनी हुई है. देश में महाराष्ट्र और केरल ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना का प्रभाव सबसे ज्यादा रहा है.
तीसरी लहर आने की खबरें
बता दें कि, हाल में खबर आई है कि जल्द ही देश में तीसरी लहर भी दस्तक दे सकती है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की तरफ से रिपोर्ट जारी कर इस बारे में जानकारी दी गई है.
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SBI ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, भारत में कोरोना की तीसरी लहर अगले महीने दस्तक दे सकती है. इसके साथ ही रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि सितंबर महीने तक यह लहर अपने पीक पर पहुंच सकती है.
SBI की रिसर्च रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि, 7 मई को भारत में कोरोना की दूसरी लहर अपने पीक पर पहुंच गई थी. “मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, भारत जुलाई के दूसरे सप्ताह के आसपास लगभग 10,000 मामलों तक पहुंच सकता है. हालांकि, अगस्त महीने के दूसरे पखवाड़े तक कोरोना के मामले बढ़ना शुरू हो सकते हैं.”
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