कोरोना ने डाला भारतीय लोगों पर ऐसा असर, फेफड़े आएंगे काफी कमजोर नजर- STUDY

0
88

द लीडर हिंदी : देश में 2020 में आई कोरोना महामारी को कौन भूल सकता है.इस बीमारी ने लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था. भले ही कोरोना का वो खतरनाक दौर चल गया हो लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि आज भी लोगों पर इसका असर कायम है. आज भी कोरोना के मामले कम नहीं हुआ है.आए दिन देश में कोई ना कोई इसका शिकार बन रहा है.क्योकि कोरोना ने भारतीय लोगों के फेफड़ों को काफी कमजोर किया है.

क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कोविड-19 के कारण फेफड़े कमजोर हुए हैं. अध्ययन में पता चला है कि यूरोपीय और चीन के लोगों की तुलना में भारतीय लोगों के फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है. अध्ययन में यह भी पता चला है कि कुछ लोग तो एक साल में इससे ठीक हो सकते हैं लेकिन अन्य लोगों को जिंदगीभर कमजोर फेफड़ों के साथ ही जीना होगा.

ये अध्ययन में 207 लोगों के फेफड़ों पर परीक्षण कर किया गया. जिन रोगियों को हल्के या मध्यम और गंभीर कोविड हुआ था, उनके पूर्ण फेफड़ों की जांच की गई. छह मिनट का वॉक टेस्ट, ब्लड टेस्ट और उनके स्वास्थ की जांच की गई.इस रिसर्च में यह भी खुलासा किया गया है कि SARS-CoV-2 के कारण लंग्स पर काफी ज्यादा खतरनाक असर पड़ा है. यह स्टडी 207 व्यक्तियों पर की गई है. यह स्टडी महामारी के पहले लहर के दौरान किया गया था.

यह PLOS ग्लोबल पब्लिक हेल्थ जर्नल में पब्लिश भी हुआ है. कोविड से ठीक होने के बाद भी रिसर्च में शामिल लोगों के के लंग का कंप्लीट लंग फंक्शन टेस्ट, छह मिनट का चलने का परीक्षण, ब्लड टेस्ट और लाइफस्टाइल का पूरा लेखा-जोखा रखा गया है. बता दें सेंसिटिल लंग फंक्शन टेस्ट, जिसे गैस ट्रांसफर (DLCO) कहते हैं. यह हवा से सांस लेने को रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन कितनी देर में लेते हैं उसे मापने का काम करता है.

यह 44 प्रतिशत तक प्रभावित हुआ है. जिसे CMC डॉक्टरों ने “बहुत चिंताजनक” बताया. 35% लोगों में रेस्ट्रिक्टिव लंग डिफेक्ट पाया गया. यह सांस लेने और फेफड़ों में हवा फुलाने में काफी ज्यादा प्रभावित किया है. इस स्टडी में क्वालिटी ऑफ लाइफ टेस्ट पर में भी नेगेटिव इम्पैक्ट देखा गया.यूरोपियन और चाइनीज लोगों की तुलना में कोविड के कारण इंडियन के लंग के फंक्शन को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है.स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ.कोरोना महामारी ने भारतीयों के फेफड़ों का बड़ा नुकसान कियाहै.

एक रिपोर्ट के मुताबिक ये साबित किया गया है कि कुछ लोगों को तो कमजोर फेफड़ों के साथ ही जीना होगा.वही चीन और यूरोपीय लोगों के फेफड़ों पर कोरोना का कम नुकसान पहुंचा है.