काली गाड़ियों का काफ़िला, धनंजय सिंह जौनपुर रवाना

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द लीडर हिंदी: यूपी की बरेली सेंट्रल जेल में तीन दिन बंद रहने के बाद पूर्व सांसद बाहुबली नेता धनंजय सिंह रिहा हो गए. उन्हें अपहरण से जुड़े एक मुक़दमे में सात साल की सज़ा सुनाई जा चुकी है. उन्हें जिस दिन हाईकोर्ट से ज़मानत मिली, उसी दिन जौनपुर से बरेली सेंट्रल जेल में शिफ़्ट कर दिया गया था. तब रखवाली करते हुए उनके समर्थक रास्तेभर साथ आए थे. कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच उन्हें जेल में दाख़िल किया गया था.

हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था. बुधवार को उनकी रिहाई का परवाना सेंट्रल जेल पहुंचा, तब उन्हें सुबह सलाख़ों से बाहर निकाला गया. बता दें धनंजय सिंह जेल से बाहर आ गए हैं. हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा हो गए हैं. बीते शनिवार को पूर्व सांसद को जौनपुर से बरेली जेल शिफ्ट किया गया था. उनकी सजा बरकरार है लेकिन जमानत मिल गई है.वह जेल से बाहर आएंगे लेकिन चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.

समर्थकों के काफिले के साथ वह जौनपुर के लिए रवाना हो गए.बता दें जौनपुर से इस बार धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी चुनाव लड़ रही हैं. उन्हें बसपा से टिकट मिला है. पति के सेंट्रल जेल आने के बाद उन्होंने नामांकन की तारीख़ एक मई से आगे बढ़ा दी थी. धनंजय सिंह की ज़मानत और जेल से रिहाई के बाद अब जौनपुर का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. यहां के नतीजे पर देशभर की नज़रें लगी रहेंगी.जेल से निकलने के बाद धनंजय ने कहा कि मुकदमा फर्जी है, वरना जमानत नहीं मिलती. उन्होंने कहा कि वह जौनपुर से पत्नी को चुनाव लड़वाएंगे.