137 साल पुरानी कांग्रेस को टाइटेनिक बनने से बचा पाएंगे खड़गे

द लीडर. अब से थोड़ी देर बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के दिल्ली में 24 अकबरपुर रोड स्थित मुख्यालय में डेलीगेट्स के वोट गिनने के सिलिसला शुरू हो जाएगा. 137 साल पुरानी पार्टी को छठी बार वोटिंग के ज़रिए नया अध्यक्ष मिल जाएगा. चुनाव हुआ और दोनों दावेदारों मलिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बयान सामने आए हैं, उसे देखते हुए रुझान एकदम साफ है. ज़्यादातर का अनुमान यही है कि खड़गे कांग्रेस के अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. यह इस बात शशि थरूर के इस ट्वीट से भी साफ हो चुकी है कि-कुछ लड़ाइयां हम इसलिए भी लड़ते हैं कि इतिहास याद रख सके कि वर्तमान खामोश नहीं था.



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ख़ैर कांग्रेस की इस वक़्त सबसे बड़ी चुनौती बहुत ज़्यादा मज़बूत हो चुकी भारतीय जनता पार्टी से पार कैसे पाया जाए, तब जबकि 2024 के लोकसभा चुनाव सामने हैं. यही खड़गे की जीतने के बाद असल परीक्षा होगी. डगर कठिन ज़रूर है लेकिन कांग्रेस में खड़गे के अलावा दूसरा ऐसा चेहरा नहीं था, जिसे इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी दी जा सकती थी, उनकी राजनीति पर नज़र डालें तो खड़गे का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है. दूसरे वो कांग्रेस का दलित चेहरा हैं. अल्पसंख्यकों के अलावा कांग्रेस के लिए दलित समाज वोट बैंट हुआ करता था. दोनों का ही रुख दूसरे दलों की तरफ हो गया है. अगर कांग्रेस के साथ दलित वापस आ जाते हैं तो अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी आबादी मुसलमान भी दूसरे दलों को छोड़कर फिर से कांग्रेस पर विश्वास कर सकते हैं. ज़्यादातर राजनीतिक समीक्षकों का यही मानना है.



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अब अगर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की बात करें तो 9900 में से 9500 डेलीगेट्स ने वोट डाले थे. 17 अक्टूबर को मतदान के बाद बूथों से मतपेटियां AICC दफ्तर पर मंगा ली गई थीं. मतगणना से पहले वोटों को मिलाया जाएगा, जिससे कि यह पता नहीं चल सके कि किस राज्य से किसे कितने वोट मिले.50-50 वोटों की गडि्डयां बनाकर उनकी काउंटिंग की जाएगी. गिनती शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही रिज़ल्ट आ जाएगा. फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं.



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