सीएम धामी का इंतजार हुआ खत्म, मिल गया UCC का ड्रॉफ्ट, ऐसा होगा प्रावधान

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द लीडर हिंदी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को 800 पन्नों वाला UCC ड्राफ्ट मिल गया.बता दे उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया गया है. उत्तराखंड चुनाव 2022 में बीजेपी को भारी जीत के बाद सीएम धामी ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता को मंजूरी दी थी. अब इसे कानूनी जामा पहनाए जाने की तैयारी कर ली गई है. अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा.

इस यूसीसी को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा. वहीं ड्राफ्ट मिलने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘लम्बे समय से हम सभी को इस दिन का इंतजार था हमको आज ड्राफ्ट मिल गया है. चुनाव से पहले उत्तराखण्ड की देव तुल्य जनता को वादा था.

अब इस ड्राफ्ट की परिक्षण कर के इसे विधेयक में लाकर आगे बढ़ाएंगे.बता दें जस्टिस रंजना देसाई कमिटी ने सीएम धामी को यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपी है.वही शनिवार को धामी कैबिनेट यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट अधिसूचना को हरी झंडी देगी.और 6 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी अधिसूचना पेश हो सकती है.

वही उत्तराखंड सरकार की गठित यूसीसी विशेषज्ञ समिति ने अपनी मसौदा रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की.सूत्रों के हवाले से माना जा रहा है कि शनिवार को होने वाली पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट की बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिल जाएगी.

5 फरवरी से उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में सत्र की शुरुआत के अगले ही दिन धामी सरकार इतिहास रच सकती है. विधानसभा से अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी

जानिए UCC के ड्राफ्ट में क्या प्रावधान होगा
1- लड़कियों की शादी की उम्र पर ध्यान देते हुए उनकी आयु बढ़ाई जाएगी ताकि वे विवाह से पहले ग्रेजुएट हो सकें.
2- ड्राफ्ट में शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होगा. बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलेगा. ग्राम स्तर पर भी शादी के रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी

3-पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे. तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा. फिलहाल पर्सनल लॉ के तहत पति और पत्नी के पास तलाक के अलग अलग ग्राउंड हैं.
4- पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी.

5-नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी. अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा.
6- उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा. अभी तक पर्सनल लॉ के मुताबिक लड़के का शेयर लड़की से अधिक.

7- मेंटेनेंस– अगर पत्नी की मौत हो जाती है और उसके माता पिता का कोई सहारा न हो, तो उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी पति की.
8- एडॉप्शन–सभी को मिलेगा Adoption का अधिकार. मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार. गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी.
9- हलाला और इद्दत पर रोक होगी.

10- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन जरूरी होगा. ये एक सेल्फ डिक्लेरेशन की तरह होगा जिसका एक वैधानिक फॉर्मैट होगा
11- गार्जियनशिप– बच्चे के अनाथ होने की सूरत में गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान किया जाएगा.
12- पति-पत्नी के झगड़े की सूरत में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स को दी जा सकती है.