द लीडर हिंदी: भारत में तनातनी के बीच मालदीव की संसद में हाथापाई हुई है. बता दें मालदीव में मोहम्मद मुइज़्ज़ू की सरकार को चीन परस्त कहा जा रहा है और वहाँ के विपक्ष को भारत समर्थक माना जाता है.मालदीव की संसद में मौजूदा सरकार और विपक्षी दलों के बीच जारी बवाल अभी भी चल रहा है.
मुख्य विपक्षी दल मालदीवन डेमोक्रेटिक पार्टी का संसदीय दल राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए सहमत हो गया है. विपक्षी दल चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत विरोधी नीतियों को देखते हुए यह प्रस्ताव लाने पर सहमत हुए हैं.
एमडीपी को इसमें एक और विपक्षी दल द डेमोक्रेट्स का भी साथ हासिल है.संसद के अंदर विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की कोशिश की जिसका सत्तारूढ़ दल ने कड़ा विरोध किया है. एमडीपी और द डेमोक्रेट के पास इतने सांसद हैं कि वे आसानी से मुइज्जू को कुर्सी से हटा सकते हैं.संसद के अंदर विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की कोशिश की जिसका सत्तारूढ़ दल ने कड़ा विरोध किया है.
एमडीपी और द डेमोक्रेट के पास इतने सांसद हैं कि वे आसानी से मुइज्जू को कुर्सी से हटा सकते हैं. बता दें इस दौरान कुछ सांसद स्पीकर की कुर्सी पर भोंपू बजाकर विरोध करते भी नज़र आए
एक रिपोर्ट के अनुसार एमडीपी के एक नेता ने कहा कि मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे एक खास वजह वर्तमान सरकार के भारत के साथ रिश्ते को संकट में डालना शामिल है. मुइज्जू के साथ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव और उनकी अपनी पीपुल्स नैशनल कांग्रेस शामिल है.
पिछले साल नियमों में बदलाव करके संसद को यह अधिकार दिया गया था कि सबसे बड़ी पार्टी एमडीपी बिना अल्पसंख्यक पार्टियों के समर्थन के मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला सकती है. मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए 54 वोटों की जरूरत है, वहीं विपक्षी एमडीपी के पास 56 सांसद हैं.
इसके अलावा नए संशोधन के तहत अब महाभियोग के लिए समिति के अंदर जरूरी सदस्यों की संख्या 7 कर दी गई है. इसके अलावा अब यह भी जरूरी नहीं है कि सभी दलों के सदस्य इस समिति के हिस्सा हों. बता दें यह महाभियोग प्रस्ताव ऐसे समय पर आने जा रहा है
जब मात्र 24 घंटे पहले ही मालदीव की संसद सर्कस बन गई थी और सत्तारूढ़ तथा विपक्षी दलों के बीच जमकर बवाल हुआ था. इसके वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गए थे. इसके बाद विपक्षी दलों ने मुइज्जू सरकार के 4 मंत्रियों के नामों को मंजूरी नहीं दी थी.
पीएम मोदी के लक्षद्वीप जाने के बाद मालदीव और भारत के बीच संबंध रसातल में चले गए हैं. पीएम मोदी के खिलाफ मुइज्जू के मंत्रियों ने अपमानजनक टिप्पणी की जिससे तनाव बहुत ज्यादा भड़क उठा. भारतीयों ने जोरदार तरीके से मालदीव के मंत्रियों का विरोध किया.
इसके बाद मुइज्जू ने उन्हें सस्पेंड कर दिया लेकिन हटाया नहीं. यही नहीं भारत से विवाद के बीच मुइज्जू चीन की यात्रा पर गए और जिनपिंग के साथ कई समझौते पर हस्ताक्षर किया. वहां से आने के बाद मुइज्जू ने जहर उगलना शुरू कर दिया. इसका वहां के विपक्षी दल कड़ा विरोध कर रहे हैं और मुइज्जू से मांग कर रहे हैं कि वह भारत और पीएम मोदी से माफी मांगें.