श्रावस्ती से मुख्यमंत्री योगी ने ‘स्कूल चलो अभियान’ का किया शुभारंभ, कोरोना काल में प्रभावित हुई शिक्षा

0
388

द लीडर। नई सरकार के गठन के साथ ही उत्तर प्रदेश में सीएम योगी समेत कई मंत्री एक्शन मोड में आ गए है. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रावस्ती जिले से प्रदेशव्यापी ‘स्कूल चलो अभियान’ की शुरुआत की. इस योजना के तहत हर बच्चे को स्कूल भेजने का संकल्प है.

2 करोड़ बच्चों के नामांकन का लक्ष्य

श्रावस्ती में सीएम योगी बोले कि, आज से स्कूल चलो अभियान का आगाज हुआ है. जिसमें 2 करोड़ बच्चों के नामांकन का लक्ष्य रखा गया है. 30 अप्रैल तक डोर टू डोर सर्वे किया जाएगा. बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए अभियान शुरु किया गया है.

 


यह भी पढ़ें: रमज़ान में इजरायली फोर्स ने तीन को गोली से उड़ाया, फिलिस्तीनियों में भड़का गुस्सा

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, अगले एक महीने में चलने वाले इस अभियान में घर-घर जाकर दस्तक दीजिए और पूछिए कोई बच्चा ऐसा तो नहीं है जो स्कूल जाने से वंचित रह गया हो. उस बच्चे को स्कूल ले जाना, स्कूल में उसका रजिस्ट्रेशन कराना, उसे यूनिफॉर्म, किताबें, बैग आदि सुविधाएं उपलब्ध कराएं.

पिछले 2 साल कोरोना से जूझते हुए बिताए

यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमने पिछले 2 साल सदी के सबसे बड़े संकट, कोरोना से जूझते हुए बिताए. पीएम मोदी के नेतृत्व में लोगों की जान बचाने की पूरी कोशिश की गई. हर व्यक्ति का जीवन हमारे लिए महत्वपूर्ण है. नि:शुल्क जांच, नि:शुल्क इलाज और नि:शुल्क टीके की व्यवस्था की गई.

कोरोना से जीवन का प्रत्येक क्षेत्र प्रभावित किया है. इस अभियान की शुरुआत से मुझे खुशी है. 2 साल बाद स्कूल चलो अभियान से जुड़ रहे हैं. हमने कोरोना के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी है. कोरोना से सबसे ज्यादा शिक्षा प्रभावित हुई,

उन्होंने कहा कि समाज के हर वर्ग ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि, भारत तब फलदायी परिणाम देता है जब पूरा देश अपनी सरकार पर भरोसा रखता है और एक साथ संकट से लड़ता है. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के कोविड मैनेजमेंट को देश और दुनिया भर में सराहा गया है.

एक बार फिर ‘स्कूल चलो अभियान’ से जुड़ रहे हैं हम

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, महामारी ने जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित किया. लेकिन स्कूली शिक्षा सबसे ज्यादा प्रभावित हुई. इसके बावजूद, जब समाज खड़ा होता है और नेतृत्व के साथ इस लड़ाई को लड़ता है, तो हम परिणाम देखते हैं. आज हम 2 साल बाद एक बार फिर ‘स्कूल चलो अभियान’ से जुड़ रहे हैं.


यह भी पढ़ें:  8 साल बाद फिर रेल से जुड़ेंगे भारत और नेपाल, मोदी और देउबा ने दिखाई हरी झंडी