चाड के राष्ट्रपति इदरिस डेबी की विद्रोहियों से लड़ते हुए मौत

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एनजमीना ।

चाड के राष्ट्रपति इदरिस डेबी इतनो विद्रोहियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में मंगलवार को युद्ध के मैदान में मारे गए। वह पिछले करीब तीन दशकों से मध्य अफ्रीकी देश चाड के राष्ट्रपति थे।देश की सेना ने राष्ट्रीय टेलीविजन और रेडियो पर यह घोषणा की। सेना ने बताया कि डेबी के 37 वर्षीय पुत्र महामत इदरिस डेबी इतनो अब 18 महीने के संक्रमणकालीन परिषद का नेतृत्व करेंगे। इसके साथ ही सेना ने देश में शाम 6 बजे से नाइट कर्फ्यू लगाने की भी घोषणा की।
घटनास्थल सुदूर क्षेत्र में बताया जा रहा है। ऐसे में डेबी की किन परिस्थितियों में मौत हुई, उसकी फिलहाल स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है। यह भी पता नहीं चला है कि राष्ट्रपति उत्तरी चाड के अग्रिम क्षेत्र में क्यों गए। क्या उनके शासन का विरोध कर रहे विद्रोहियों के साथ उन्होंने संघर्ष में हिस्सा लिया। उनके मारे जाने की यह जानकारी राष्ट्रपति चुनाव में डेबी को विजेता घोषित किये जाने के कुछ ही घंटे बाद आई है ये चुनाव 11 अप्रैल को हुए थे। इस चुनाव में जीत से उनका और 6 वर्षों के लिए सत्ता में बने रहने का मार्ग प्रशस्त हो गया था।
सेना के पूर्व कमांडर-इन-चीफ रहे डेबी 1990 में सत्ता में आए थे। उस वक्त विद्रोही बलों ने तत्कालीन राष्ट्रपति हिसेन हबरे को पद से हटा दिया। बाद में उन्हें सेनेगल में अंतरराष्ट्रीय अधिकरण ने मानवाधिकारों के उल्लंघन का दोषी ठहराया था। इन वर्षों में डेबी ने कई बारसशस्त्र विद्रोह का सामना किया, इसके बावजूद वे सत्ता में बने रहे। उनके खिलाफ इस नयी बगावत का नेतृत्व खुद को ‘फ्रंट फॉर चेंज’ और ‘कॉन्कॉर्ड इन चाड’ बताने वाला समूह कर रहा था।
चाड की सेना ने मंगलवार को कहा था कि डेबी बहादुरी से लड़े लेकिन लड़ाई में घायल हो गए। उन्हें राजधानी ले जाया गया, जहां जख्म की वजह से उनकी मौत हो गई।

सेना ने तुरंत राष्ट्रपति डेबी के पुत्र महामत इदरिस डेबी इतनो को मध्य अफ्रीकी देश का अंतरिम नेता घोषित किया। वह अपने 68 वर्षीय पिता की जगह लेंगे।
कुछ पर्यवेक्षकों ने घटनाक्रम पर तत्काल सवाल खड़े किए हैं। नाइजीरिया के वकील और दक्षिण अफ्रीका स्थित सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स में शोधार्थी अयो सोगुनरो ने कहा कि चाड के कानून के तहत राष्ट्रपति की मौत होने पर उनका कार्यकाल परिवार के सदस्यों द्वारा नहीं बल्कि नेशनल असेंबली द्वारा पूरा किया जाता है।
सोगुनरो ने ट्वीट किया कि सेना का सत्ता पर कब्जा करना और फिर राष्ट्रपति के पुत्र को इसे सौंप देना–यह तख्तापलट और असंवैधानिक है। उन्होंने अफ्रीकी संघ से सत्ता के हस्तांतरण की निंदा करने की अपील की।

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