बहनें राखी बांधती हैं और भाई अपनी हमवतन बहनों की बोलियां लगाते हैं-ऐसा देश है मेरा…

द लीडर : ज़ुल्म फिर ज़ुल्म है-बढ़ता है तो मिट जाता है. ख़ून फिर ख़ून है टपकेगा तो जम जाएगा… साहिर लुधियानवी ने ज़ुल्म की ये जो औक़ात बतलाई है न. उसी के ख़िलाफ दहाड़ रही हैं ये 114 बहादुर मुस्लिम लड़कियां-बुजुर्ग औरतें, जो उन्हें सरे बाज़ार नीलाम कर देना चाहते हैं. पिछले छह महीने में दूसरी बार उनकी तस्वीरें आम करके बोलियां लगाई गईं. यह निंदा की नहीं बल्कि ज़मीर को मार देने की घटना है-जिस पर समाज के एक बड़े हिस्से की मुरदारी छाई है. ये दीग़र बात है कि लड़कियां मुस्लिम हैं-तो उनके हक़ में निंदा भी नहीं आई. (Bulli Bai Muslim Women)

ये सब उस भारत में हो रहा है, जहां नारी को देवी का दर्ज़ा हासिल है. नवरात्रि में खासतौर पर देवियों की उपासना की जाती है. और अष्टमी पर घर-घर कन्या यानी बेटियों का पूजन होता है. रक्षाबंधन और भैया दूज भी बहनों को समर्पित पर्व हैं, जिनमें उनकी रक्षा और सुरक्षा का संकल्प लेने वाले भाई आज अपनी हमवतन बहनों की नीलामी तक जा गिरे हैं.

पिछले साल जुलाई में सुल्ली एप पर मुस्लिम लड़कियों की बोली लगाई गई. मुसलमान छटपटाए. प्रोटेस्ट किया. बिहार के किशनगंज से सांसद डॉ. मुहम्मद जावेद गृहमंत्री अमित शाह से मिले. कार्रवाई के लिए कहा. अफसोस! कोई एक्शन नहीं हुआ.

आज छह महीने बाद मध्यप्रदेश के इंदौर से ओंकारेश्वर ठाकुर को ग़िरफ़्तार किया गया है, जो सुल्ली एप पर नीलामी का मास्टर माइंड है. तब, जब दूसरी बार बुल्ली बाई एप पर 114 मुस्लिम लड़कियों की नीलामी की घटना से पूरी दुनिया में हंगामा मच गया. (Bulli Bai Muslim Women)


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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, इंटेलिजेंस फ्यूज़न एंड स्ट्रेटजिक ऑपरेशन (IFSO) के डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने पत्रकारों से कहा कि ओंकारेश्वर ठाकुर उस ट्रेड ग्रुप का मेंबर है, जिसे मुस्लिम महिलाओं को ट्रोल करने के लिए ट्वीटर पर बनाया गया था.

लेकिन इस पूरे मुद्​दे पर देश का मैनस्ट्रीम मीडिया, जिसमें न्यूज़ चैनल्स और अख़बार दोनों शामिल हैं-सन्नाटा पसरा रहा. ये वही मीडिया है जो लव जिहाद, ट्रिपल तलाक़, हलाला जैसे मुद्​दों पर दिनरात भोंपू बना रहता है.

सुल्ली डील्स का मुद्​दा जब ठंडा पड़ गया. तो गिटी हब पर उसका न्या वर्जन बुल्ली बाई एप लांच कर दिया. इसमें अब तक चार आरोपी ग़िरफ़्तार किए गए हैं. नीरज विश्नोई, जोकि मध्यप्रदेश का है. महज 21 साल उम्र है. बीटेक सेकेंड ईयर में पढ़ता है. (Bulli Bai Muslim Women)

पुलिस पूछताछ में उसने जो कुछ कबूला है. वो उसकी करतूत से भी ज़्यादा हैरान करने वाला है. उसे इस बात का रत्ती भर भी पछतावा नहीं है कि उसने लड़कियों की नीलामी का गुनाह किया है. बल्कि ये भी सामने आया है कि बुजुर्ग मुस्लिम महिलाओं को लेकर भी उसके विचार ख़रतनाक हैं.

बुल्ली बाई एप मामले में जो तीन और आरोपी पकड़े गए हैं. उनमें मयंक रावल विशाल कुमार झा और श्वेता सिंह हैं. कितनी हैरान करने वाली बात है कि लड़कियों की नीलामी जैसे घिनौने अपराध में एक लड़की शामिल है. वो लड़की जिसने हाल ही में अपने माता-पिता दोनों को खो दिया. (Bulli Bai Muslim Women)

ये सभी कॉलेज स्टूडेंट्स हैं. अब सवाल ये है कि आख़िर इन्होंने ऐसा क्यों किया? इनके दिल-ओ-दिमाग़ में मुसलमानों को लेकर इतनी नफरत और ज़हर कैसे भर गया?

मोटे तौर पर दो जवाब सामने आते हैं. पहला-देश की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था, जिसमें 20 करोड़ मुसलमानों को अनटचेबल (अछूत) बनाने की अथक कोशिश शामिल है. इसे दो घटनाओं से समझ सकते हैं. एक हरिद्वार की धर्म संसद-जिसमें 20 लाख मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान किया गया और दूसरी-बुल्ली बाई पर मुस्लिम लड़कियों की नीलामी. इन ख़ौफनाक घटनाओं पर न तो सरकार की चुप्पी टूटी और न ही कोई दूसरा राजनीतिक दल सड़क पर उतरा. ये हाल मुसलमानों के राजनीतिक तौर पर अनटचेबल होने का संकेत तो देता ही है.


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मुसलमानों से नफ़रत की जो दूसरी बड़ी वजह है-वो है मीडिया. पिछले एक दशक से भारतीय मीडिया मुसलमानों को खलनायक बनाने की जिस कोशिश में रोज ज़हरीली डिबेट को देश के हर घर तक पहुंचा रहा है. हरिद्वार धर्म संसद और बुल्ली बाई एप, उसी का रिजल्ट है.

मीडिया ने मुग़ल काल का अत्याचार दिखाकर मुसलमानों से रिवेंज लेने वाली एक ख़तरनाक भीड़ तैयार की. जिसे लव जिहाद, लैंड जिहाद, यूपीएससी जिहाद, अफजल गुरु, पाकिस्तान, आतंकवाद, भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच, वंदे मातरम, जनसंख्या वृद्धि-हर एक बहस में विलेन के तौर पर पेश किया गया. (Bulli Bai Muslim Women)

मैनस्ट्रीम मीडिया ने 20 करोड़ आबादी के खिलाफ बहुसंख्यक हिंदुओं के दिमाग़ में जो नफरत पैदा की है. उसमें मुसलमान भी बराबरी के शरीक हैं. वे आज तक उस जहरीली मीडिया के बहिष्कार की ज़ुर्रत नहीं कर पा रहे हैं. जिसने उन्हें, उनके अपने मुल्क के शहरियों का दुश्मन बना दिया है.

आखिर में एक और बात पर गौर करना ज़रूरी है. सुल्ली डील्स एप का मास्टर माइंड ओंकारेश्वर और बुल्ली बाई का सरगना नीरज विश्वनोई-दोनों मध्यप्रदेश से हैं. जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नए राजकाज में अल्पसंख्यकों पर सिलसिलेवार तरीके से हमले सामने आ रहे हैं. (Bulli Bai Muslim Women)

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Ateeq Khan

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