उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासत गर्म होने लगी है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने गुरुवार को अपने दो विधायकों को सस्पेंड कर दिया है। इसमें पार्टी के विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा और अकबरपुर से 4 बार विधायक रहे रामअचल राजभर शामिल हैं। दोनों मायावती सरकार में मंत्री भी रहे हैं।
पार्टी के राज्य यूनिट ने सूचना जारी कर बताया कि इन दोनों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते सस्पेंड किया जा रहा है। BSP सुप्रीमो मायावती ने लालजी वर्मा की जगह अब आजमगढ़ के मुबारकपुर से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को विधानमंडल दल का नया नेता नियुक्त किया है।
सपा में जाने की अटकलें तेज
बताया जाता है कि पिछले कई दिनों से दोनों नेताओं की नजदीकियां समाजवादी पार्टी से बढ़ने लगी थी। दोनों ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिलने का समय भी मांगा है। बताया जाता है कि पंचायत चुनाव के दौरान से ही पार्टी इन दोनों विधायकों से नाराज है। दोनों विधायकों ने पार्टी के उम्मीदवारों की जगह दूसरे उम्मीदवारों का समर्थन किया था।
मायावती के बेहद करीबी रहे हैं लालजी वर्मा
- बहुजन समाज पार्टी से विधायक रहे लालजी वर्मा 17वीं विधानसभा से उत्तर प्रदेश के सदस्य हैं और प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के कटेहरी निर्वाचन क्षेत्र हैं।
- वर्मा ने 2017 विधानसभा चुनाव में BJP के अवधेश कुमार को हराया था।
- मूल रूप से अंबेडनगर के मोहिउद्दीनपुर गांव में 5 जनवरी 1955 को जन्में लालजी वर्मा ने कृषि विज्ञान विषय में एमएससी की शिक्षा हासिल की है।
- लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती भी राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय रह चुकी हैं। वह जिला पंचायत अध्यक्ष भी रहीं हैं।
बसपा से ही रामअचल ने राजनैतिक सफर की शुरुआत की
- रामअचल राजभर ने राजनैतिक कॅरियर की शुरुआत अकबरपुर ब्लाक प्रमुख चुनाव से की थी।
- 1991 में वह बसपा से विधायकी का चुनाव लड़े लेकिन हार गए।
- 1993 में फिर वह बसपा से विधानसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की।
- इसके बाद वह 1996, 2002 और 2007 में विधायक बने।
- 2007 में बसपा की सरकार बनने के बाद उन्हें परिवहन मंत्री बनाया गया था।
- परिवहन मंत्री रहते राजभर ने इस क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। हालांकि उन पर घोटाले के आरोप भी लगे।
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बसपा के 18 विधायकों में 11 बागी
पार्टी विरोधी गतिविधियों में बसपा के 9 विधायक पहले से निलंबित चल रहे हैं। इन दो विधायकों के पार्टी से निष्कासन के बाद पार्टी के अब तक 11 विधायक बाहर का रास्ता दिखाए जा चुके हैं। अब केवल 7 विधायक ही पार्टी में बचे हैं।
ये 9 विधायक पहले से ही निलंबित
1- असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती)
2- असलम अली (ढोलाना-हापुड़)
3-मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद)
4- हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज)
5-हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर)
6-सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर)
7-वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़)
8- अनिल सिंह (पुरवा-उन्नाव)
9- रामवीर उपाध्याय (सादाबाद-हाथरस)