जिला पंचायत अध्यक्ष के नतीजों में दिखा भाजपा का दम,सपा के गढ़ में खिले कमल

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द लीडर हिंदी,लखनऊ।उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में अपना परचम लहरा दिया है। भाजपा के 21 प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध जीते थे और शनिवार को 53 पदों पर मतदान के बाद आए परिणाम में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों ने शानदार जीत दर्ज की।यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले जिला पंचायत का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है। शनिवार को वोटिंग के बाद 75 जिलों के परिणाम भी आने लगे हैं। अब तक बीजेपी 65, एसपी 6 और अन्य 4 जिला अध्यक्ष बनाने में कामयाब हुए हैं।

लखनऊ में बीजेपी प्रत्‍याशी आरती रावत की जीत। सपा उम्मीदवार विजय लक्ष्मी को हराया।जिला अध्यक्ष चुनाव में भाजपा को 14 जबकि सपा को मिले 11 वोट

समाजवादी पार्टी को उनके गढ़ मैनपुरी, रामपुर, और बदायूं के साथ ही कांग्रेस के किले रायबरेली में भी भाजपा के प्रत्याशियों ने शिकस्त दी है।

उत्तर प्रदेश की सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा को प्रत्याशियों को निर्दलियों का काफी समर्थन मिला है। इसके साथ ही भाजपा के साथ गठबंधन करने वाली अपना दल (एस) को भी दो में से एक सीट पर जीत मिली है। जौनपुर में बाहुबली बसपा के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को जीत मिली है।

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र मैनपुरी में भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीता। यहां पर भाजपा की अर्चना भदौरिया जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में भाजपा प्रत्याशी रंजना चौधरी ने जीत दर्ज की है। रंजना ने 30 मत पाकर कांग्रेस की आरती सिंह को हराया है।

रामपुर में आजम खान का किला भी ध्वस्त हो गया है। यहां भाजपा के ख्यालीराम लोधी जिला पंचायत अध्यक्ष बने। लोध ने को 19 वोट मिले, जबकि सपा प्रत्याशी नसरीन जहां को 13 वोट मिले। यहां पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने प्रशासन पर चुनाव में धांधली कराने का आरोप लगाते हुए आंबेडकर पार्क के सामने सपाइयों के साथ धरना शुरू किया।

हाथरस में कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय का जादू चल गया है। यहां से उनकी पूर्व सांसद पत्नी सीमा उपाध्याय ने जीत दर्ज की है। सीमा उपाध्याय को 24 में से 13 वोट मिले, जबकि समाजवादी पार्टी व रालोद प्रत्याशी शशि चौधरी को 11 वोट मिले।

हरदोई में नरेश अग्रवाल का जादू चला है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की मतगणना में भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार प्रेमावती ने समाजवादी पार्टी की मुन्नी देवी गौतम को 59 मत से हराया। 72 सदस्यों वाली जिला पंचायत में 71 मत पड़े। भाजपा की प्रेमावती को 65 मत और सपा की मुन्नी देवी गौतम को छह वोट मिले।

कानपुर शहर में पूर्व कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरुण की बेटी भाजपा प्रत्याशी स्वप्निल वरुण ने 20 वोट से जीत दर्ज की है। भाजपा की स्वप्निल को 25 मिले। समाजवादी पार्टी के राजू दिवाकर को पांच मत मिले और 2 वोट अवैध हो गए।

कानपुर देहात में भाजपा की नीरज रानी जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं। भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी नीरज रानी ने सपा प्रत्याशी रामसिंह यादव को हराया। नीरज रानी को 32 में से 26 व रामसिंह यादव को पांच वोट मिले। यहां पर एक जिला पंचायत सदस्य ने मतदान नहीं किया। विजयी नीरज रानी सांसद देवेंद्र सिंह भोले के भाई राजेंद्र सिंह की पत्नी हैं। लगातार दो बार से सपा का जिला पंचायत पर कब्जा था लेकिन इस बार सपा को यह सीट गंवानी पड़ी है।

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एटा में समाजवादी पार्टी की रेखा यादव जीतीं

एटा में समाजवादी पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रत्याक्षी रेखा यादव अपनी प्रतिद्वंदी बीजेपी की विनीता यादव से 20 मतों से विजयी हुई रेखा । यादव को 24 मत मिले, विनीता यादव को 4 मत मिले जबकि 2 मत निरस्त हुए।

प्रदेश के 75 जिलों में जिन 22 जिलों में निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं, उनमें 21 भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। इटावा में समाजवादी पार्टी ने अपना गढ़ बचाने में सफलता प्राप्त की है। 29 जून को नाम वापसी की अवधि गुजरते ही सभी के चुने जाने की घोषणा कर दी गई। निर्विरोध चुने गए अध्यक्षों में जहां 21 भाजपा के हैं वहीं एक मात्र इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी ही सपा के हाथ लगी है।

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