छठे चरण की वोटिंग से पहले आज़म खान के परिवार को बड़ी राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी इस मामले में जमानत

द लीडर हिंदी: लोकसभा चुनाव के छठे चरण की वोटिंग से पहले सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान और उनकी फैमिली को बड़ी राहत मिली है. बर्थ सर्टिफिकेट मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से परिवार के तीनों सदस्यों (आजम खान, बेटा अब्दुल्ला आजम और पत्नि तंजीन फातिमा) को अदालत से जमानत मिल गई है. कोर्ट ने आजम खान की सात साल की सजा पर भी रोक लगा दी है. आजम की पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम जेल से छूट जाएंगे. लेकिन आजम खान को एक और मामले में सात साल की सजा हुई है, इसलिए वह अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे.बता दें न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने आजम खान, तंजीम और अब्दुल्ला आजम की जमानत मंजूर कर ली है और आजम खान की सजा का आदेश स्थगित कर दिया है.

आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर यह फैसला सुनाया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 14 मई को फैसला सुरक्षित कर लिया गया था.वही कोर्ट ने आजम की सजा पर भी रोक लगा दी है.बता दें आजम खान पर साल 2019 में दर्ज हुए डूंगरपुर में घर तोड़ने और लूट के मामले में रामपुर सेशन कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी जिसमें अभी हाईकोर्ट से राहत मिलना बाकी है.

आपको बता दें कि इस मामले में रामपुर के बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने तीन जनवरी, 2019 को आज़म खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कराया था. तीनों के खिलाफ रामपुर के गंज पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 193, 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

जानिए क्या थे आजम परिवार पर आरोप?
दरअसल आकाश सक्सेना की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक़ आज़म खान और उनकी पत्नी तंजीन ने बेटे अब्दुल्ला आज़म का एक बर्थ सर्टिफिकेट 28 जून साल 2012 को रामपुर की नगरपालिका परिषद से बनवाया गया था. जबकि दूसरा बर्थ सर्टिफिकेट 21 जनवरी 2015 को लखनऊ नगर निगम से जारी कराया गया.वही पहले बर्थ सर्टिफिकेट में जन्म स्थान रामपुर बताया गया जबकि दूसरे में जन्म स्थान लखनऊ का क्वीन मैरी हॉस्पिटल बताया गया. आरोप लगा कि आज़म परिवार ने अलग-अलग बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल अलग-अलग जगहों पर किया.

अलग अलग बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड बनाकर उनके दुरूपयोग की भी बात सामने आई.वही इस मामले में रामपुर पुलिस ने जांच पूरी होने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. चार्जशीट में आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया. आज़म खान ने पत्नी तंजीन और बेटे अब्दुल्ला के साथ इस मामले में 26 फरवरी 2020 को रामपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया. कोर्ट ने तीनों को जेल भेज दिया. आज़म खान को इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से 27 महीने बाद जमानत मिली.

 

Abhinav Rastogi

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