द लीडर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को पैनकार्ड मामले में सुप्रीमकोर्ट से जमानत मिल गई है. जमानत आदेश चार सप्ताह बाद अमल में लाया जाएगा. दरअसल, पैनकार्ड मामले में आजम खान को हाईकोर्ट से झटका मिला मिला था. इसके बाद उन्होंने इस मामले में सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. (Azam Khan Abdulla Bail )
अब्दुल्ला आजम से जुड़े पैनकार्ड और पासपोर्ट में जन्मतिथि को लेकर आजम खान, अब्दुल्ला आजम पर कार्रवाई हुई थी. ये मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा था, जहां से आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान को कोई राहत नहीं मिली थी.
मंगलवार को इस मामले में सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई हुई. आजम खान की ओर से अदालत में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, पैनकार्ड मामले में दो अलग एफआइआर दर्ज की गई हैं. जबकि इससे जुड़ी मुख्य एफआइआर में आजम खान को पहले ही जमानत मिल चुकी है. सरकार की ओर से एक दूसरी एफआइआर दर्ज की गई.
SC in its interim order grants bail to Samajwadi Party leader Azam Khan and his son Abdullah Khan in a criminal case, and directed that they be released on bail after the trial court concerned in Uttar Pradesh records the former's statement in the case within four weeks
— Talha Rashadi (@TalhaRashadi) August 10, 2021
सुप्रीमकोर्ट ने अपने जमानत आादेश में कहा है कि यूपी में निचचली अदालत द्वारा चार सप्ताह के अंतराल में याची का बयान दर्ज करके उन्हें जमानत पर रिहाई किया जाए.
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शीर्ष अदालत में यूपी सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता एसवी राजू ने जमानत याचिका का विरोध किया. इस तर्क के साक्थ कि आजम खान पर कई गंभीर मामलों में एफआइआर दर्ज है. वह क्राइम करने के आदी हैं. लिहाजा उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
सरकारी वकील के तर्क पर सुप्रीमकोर्ट ने यूपी सरकार से कहा-आप कब तक इन्हें हिरासत में रखेंगे. एक मामले में हम देख चुके हैं कि आरोपी को कई सालों तक जेल में रखा गया.
वहीं, आजम खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आजम खान को तीन मामलों में छोड़कर बाकी सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है. दरअसल, आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान के विरुद्ध भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने रामपुर सिविल लाइंस थाने में दो मामले दर्ज कराए थे.
आरोप के साथ कि आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाया है. इसी के आधार पर पैनकार्ड और पासपोर्ट बनवाया गया.
आजम खान और अब्दुल्ला आजम पिछले डेढ़ साल से सीतापुर जेल में बंद हैं. जहां बीते अप्रैल माह से तबीयत खराब होने के कारण आजम खान का लखनऊ के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा है.
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आजम खान की तबीयत बिगड़ने के बाद से लगातार उनकी रिहाई को लेकर आवाजें उठ रही हैं और आंदोलन हो रहे हैं. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ ही सभी दलों के नेता उनकी रिहाई के हक में आवाज उठा रहे हैं. राष्ट्रपति और राज्यपाल को संबोधित रिहाई मांग पत्र भेजे जा रहे हैं. (Azam Khan Abdulla Bail)
अल्पसंख्यक आयोग में भी सुनवाई
आजम खान का मामला राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग भी पहुंच गया है. जिसमें ये शिकायत की गई है कि अल्पसंख्यक होने के कारण आजम खान पर ज्यादती हो रही है. आयोग ने ये मामला पंजीकृत कर लिया है. जल्द ही इस पर सुनवाई प्रारंभ होने की संभावना है.
जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर कई मामले
आजम खान ने रामपुर में मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी तामीर कराई है. इसकी भूमि अधिग्रहण को लेकर उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए हैं. हालांकि इनमें कईयों में उन्हें जमानत भी मिल चुकी है. मंगलवार को सुप्रीमकोर्ट से राहत मिलने के बाद ये संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही वह जेल से बाहर आ सकते हैं. (Azam Khan Abdulla Bail)
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अब हालत में काफी सुधार
आजम खान डेढ़ साल की जेल और बीमारियों की वजह से काफी कमजोर हो गए हैं. पिछले दिनों अस्पताल से उनकी कुछ तस्वीरें सामने आई थीं. जिसने हर किसी को झकझोर दिया था. उनकी हालत ऐसी हो गई कि पहली नजर में तस्वीरें देखकर पहचान पाना मुश्किल हुआ. हालांकि अब उनकी सेहत में काफी सुधार है.