नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले ही पार्टी में दो बड़े नेताओं के बीच घमासान छिड़ गया है। आनंद शर्मा और बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने एक दूसरे पर तीखे आरोप लगाए हैं।
दरअसल, आनंद शर्मा ने बंगाल में कांग्रेस का इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ गठबंधन की आलोचना की थी। आनंद शर्मा ने अब्बास सिद्दकी के नेतृत्व वाले आईएसएफ के साथ पार्टी के गठजोड़ की आलोचना की है। पार्टी के बारे में कहा कि पार्टी की विचारधारा गांधीवादी और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।
आनंद शर्मा ने कहा कि पार्टी ‘सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है।’ शर्मा ने कहा कि आईएसएफ जैसी कट्टरपंथी पार्टी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए थी और उसे कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) द्वारा अनुमोदित होना चाहिए था।
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साथ ही आनंद शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से संयुक्त रैली में भाग लेने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही उनके साथ पर कड़ी निंदा व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी उपस्थिति और समर्थन कष्टदायक और शर्मनाक थी।
हालांकि चौधरी ने अपनी बात को स्पष्ट रखते हुए कहा कि यह निर्णय कांग्रेस कमेटी की ओर से लिया गया उनका स्वंय का फैसला नहीं है। सीडब्ल्यूसी पार्टी का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है जो पार्टी के महत्वपूर्ण फैसले लेता है।
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आपको बता दें कि शर्मा राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता हैं।