द लीडर : पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव सांप्रदायिक बंटावारा, हिंसा और नफरत की पिच पर लड़ा गया. शनिवार को कूच बिहार में मतदान के दौरान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)की गोली से चार मुस्लिम युवाओं की मौत हो गई, जिसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नरसंहार करार दिया है. तो गृहमंत्री अमित शाह ने ममता पर युवाओं को हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगाया है.
कूच बिहार कांड पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के आरोप-प्रत्यारोप और राजनीतिक पैंतरेबाजी से अलग मुस्लिम समाज में आक्रोश है. मुंबई के पूर्व आइपीएस अधिकारी अब्दुर्रहमान ने इस घटना को लेकर भारतीय राजनीतिक व्यवस्था की तल्ख लहजे में आलोचना की है. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘कब तक मुसलमानों की लाशों पर सरकारें बनतें रहेंगी. चुनाव आयोग कृप्या बंगाल और भारत के लोकतंत्र की हिफाजत करें.’
For how long govts will be formed on dead bodies of Muslims?@ECISVEEP Pl save democracy, save West Bengal and save India. #Coochbihar
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) April 10, 2021
कूच बिहार के एक बूथ पर मतदान के दौरान हिंसक घटना हो गई थी. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ममता दीदी के बहकावे में आकर कुछ युवाओं ने बूथ पर हमला किया. सीआइएसएफ के हथियार छीनने की कोशिश की. मजबूरन जवानों को गोली चलानी पड़ी. इसमें चार नौजवानों की जान चली गई. मैं पूछना चाहता हूं कि युवाओं ने ऐसी हिम्मत क्यों की.
कुछ युवाओं ने ममता दीदी के बहकावे में आकर बूथ पर हमला कर दिया। CISF के हथियार छीनने का प्रयास किया। CISF को मजबूरी में गोली चलानी पड़ी और 4 युवाओं की जान चली गई। मैं पूछना चाहता हूं, युवाओं ने ऐसी हिम्मत क्यों की: गृह मंत्री अमित शाह pic.twitter.com/qMIjs5sG6n
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 11, 2021
गृहमंत्री ने इस पूरी घटना के लिए टीएमसी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. जबकि ममता बनर्जी ने चार युवाओं की हत्या को नरसंहार बताते हुए कहा कि वे उनके पैर या जिस्म के निचले हिस्से पर भी गोली मार सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. सब गोलियां सीने और गर्दन में मारीं.
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बंगाल चुनाव के केंद्र में मुस्लिम समाज ही रहा. इसी को केंद्र में रखकर चुनाव प्रचार हुए. भाजपा टीएमसी पर मुस्लिमों के संरक्षण का आरोप लगाती रही. बहरहाल, कूच बिहार की घटना पर चुनाव आयोग ने स्थानीय प्रशासन से पूरी रिपोर्ट मांगी है.