द लीडर हिंदी, चमोली। देश के कई इलाकों में इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। वहीं पहाड़ी इलाकों की बात करें तो यहां भी लोगों की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं। आज आपको ले चलते है चमोली जिले के लुदांऊ में, जहां भारी बारिश और बादल फटने से लोगों का हाल बेहाल है. इसके साथ ही गांव में पेयजल लाइन पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।
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ये तस्वीरें खुद ही अपनी हकीकत बयां कर रही है। वहीं इन तस्वीरों को देखकर पहाड़ पर रहने वालों की परेशानियों का अंदाजा लगाया जा सकता है। बता दें कि, लुदांऊ गदेरे में बादल फटने से 200 मीटर मोटर मार्ग पूरी तरह बह गया है। जिसे ग्राम पंचायत के दो गांव की आवाजाही पूरी तरह बाधित हुई है। जिस कारण ग्रामीण और स्कूली छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हो रहे है।
शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
गांव के ग्राम प्रधान ने बताया कि, इसकी सूचना उन्होंने शासन प्रशासन को दी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे ग्रामीणों में शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश बना हुआ है। दरअसल, दशोली ब्लॉक का दूरस्थ गांव स्यूंण में पिछले महीने 31 जुलाई को भारी बारिश होने से मोटर मार्ग लुदांऊ गदेरे में बादल फटने से 200 मीटर मोटर मार्ग बह गया। जिससे क्षेत्र की आवाजाही बंद हो गई। भारी बारिश से ग्रामीणों की 100 नाली से अधिक काश्तकारी भूमि पूरी तरह नष्ट हो गई है। आपदा से ग्रामीणों की दो गौशाला भी भूस्खलन की जद में आ गई है। वहीं पंचायत का लुदांऊ गांव में भारी बारिश से पेयजल लाइन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे ग्रामीणों को नालों के पानी से प्यास बुझानी पड़ रही है।
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बादल फटने से बह गई 200 मीटर सड़क
इसके साथ ही लुदांऊ गधेरे में बादल फटने से 200 मीटर सड़क बह गई है। और गधेरे पर बना पैदल लकड़ी का पुल भी बह गया है। जिससे क्षेत्र की आवाजाही पूरी तरह से प्रभावित हुई है। ग्रामीणों द्वारा जोखिम में डालकर आवाजाही की जा रही है। स्कूली नौनिहाल भी जान जोखिम में डालकर विद्यालय पहुंच रहे हैं। स्कूली छात्र छात्राएं ने बताया कि, लुंदाऊ गदेरे में भारी पानी से पार करना बहुत मुश्किल है। लेकिन क्या करें स्कूल तो जाना ही है।
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ऐसे में हम एक दूसरे का हाथ पकड़ कर गदेरे को पार कर बेमरू स्कूल पहुंचे हैं। कही बार गदेरे उफान पर होने के चलते हमें वापस घर लौटना पड़ता है। ग्राम प्रधान मनोरमा देवी ने इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी चमोली को पत्र दिया गया है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के लिए जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
खौफ में जीने को मजबूर हो रहे ग्रामीण
बता दें कि, भारी बारिश के कारण गदेरे में कभी भी बड़ी अनहोनी होने की आशंका बनी हुई है। प्रशासन को कम से कम पैदल आवाजाही के लिए गदेरे पर अस्थाई लकड़ी पुल की व्यवस्था करनी चाहिए। क्षेत्रीय विधायक महेंद्र भट्ट द्वारा भी इसका कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। वहीं गुस्साएं ग्रामीणों का कहना है कि, विधायक और अधिकारी जल्द ही उनकी समस्याओं की सुध लें। जिससे वह भी खौफ के साये में जीने के लिए हर दिन मजबूर न हो।
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