आला हज़रत का उर्स : कमिश्नर-आईजी की दरगाह प्रतिनिधि और अफ़सरों संग मीटिंग, क्या दिए निर्देश

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Ala Hazrat Dargah Urse Razvi
आला हज़रत दरगाह बरेली. फ़ाइल फ़ोटो

द लीडर : उत्तर प्रदेश का सेंट्रल हिस्सा, जिसे रुहेलखंड के तौर पर पहचाना जाता है. उसके ज़िला बरेली में आज से ठीक पांचवें दिन एक यादग़ार रूहानी सफ़र का सिलसिला शुरू होने जा रहा है, जहां तीन दिन के बीच लाखों अक़ीदतमंदों का जमावाड़ा होगा. देश-दुनिया के मुसलमान इसे उर्से रज़वी के रूप में जानते है. आला हज़रत की दरगाह है. जो सुन्नी-बरेलवी मुसलमानों का मरकज़ यानी केंद्र है. भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मुसलमान, बरेलवी विचार के फॉलोवर हैं. (Ala Hazrat Dargah Urse Razvi)

आला हज़रत का उर्स आगामी 21, 22 और 23 सितंबर को है. दरगाह इंतज़ामिया ज़ायरीन की मेहमाननबाज़ी की तैयारियों में जुटे हैं. तो ज़िला और पुलिस-प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था, साफ़-सफ़ाई, यातायात प्रबंधन समेत तमाम बिंदुओं पर कसरत कर रहा है. चूंकि तीन साल से आला हज़रत का उर्स बंदिशों के दायरे में गुज़रा है. और इस बार पाबंदियां हट चुकी हैं, इसलिए हमेशा से कहीं ज़्यादा भीड़ उमड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. इस पर मंथन भी हो रहा है.

बरेली कमिश्नरी मुख्यालय है. इसके चार ज़िले हैं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बरेली और बदायूं. इस खित्ते में आला हज़रत का ज़बरदस्त असर है. इसके अलावा, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, बिजनौर, अमरोहा, ये पांच ज़िले मुरादाबाद कमिश्नरी के दायरे में आते हैं. बरेली-मुरादाबाद दोनों मंडल रुहेलखंड का हिस्सा हैं. बरेली के साथ एक और जो दिलचस्प बात है, वो ये कि, यह दिल्ली और लखनऊ के केंद्र में बसा सबसे तेज़ी से विकसित होने वाला शहर है.


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उर्से रज़वी के सफल आयोजन को लेकर बरेली प्रशासन हर साल लोगों से तारीफ़ का हक़दार बनता रहा है. लेकिन इस बार मंडल का प्रशासन उर्से रज़वी के आयोजन की व्यवस्थाएं देख रहा है. बरेली कमिश्नर सेल्वा कुमारी-जे और आईजी रेंज रमित शर्मा ने उर्से रज़वी को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों और दरगाह इंतज़ामिया के साथ गुरुवार की शाम को एक मीटिंग की है. इसमें डीएम शिवकांत द्विवेदी, एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे. (Ala Hazrat Dargah Urse Razvi)

कमिश्नर और आईजी ने ज़िले के अफ़सरों से उर्से रज़वी को लेकर उनकी तैयारियों की स्थिति जानी. दरगाह की टीम से बरेली के आसपास के ज़िलों से आने वाले ज़ायरीन के बारे में जानकारी ली. दोनों वरिष्ठ अफ़सरों ने दरगाह के प्रतिनिधि मंडल से कहा है कि, आसपास के ज़िलों में, जहां किसी तरह की व्यवस्थाओं की ज़रूरत महसूस होती है. तो बताएं, वहां प्रशासिनक सहयोग किया जाएगा.

चूंकि इससे पहले डीएम-एसएसपी दरगाह कमेटी के साथ बैठक कर चुके हैं. तो कमिश्नर ने संबंधित अधिकारियों से उस बैठक के बाद किए गए कामकाज का भी फ़ीडबैक लिया है. दरगाह की ओर से शामिल एक मेंबर का कहना है कि कमिश्नर और आईजी ने क़ानून व्यवस्था, यातायात, साफ़-सफ़ाई, बिजली, पानी आदि की बेहतर व्यवस्थाएं कराने का भरोसा दिया है.

आपको बता दें कि ये पहला मौक़ा है, जब कमिश्नर और आईजी ने उर्से रज़वी को लेकर दरगाह कमेटी के साथ मीटिंग की है. और आसपास के ज़िलों से आने वाले ज़ायरीन के मद्​देनज़र व्यवस्थाओं की जानकारी जुटाई है. आमतौर पर ज़िला प्रशासन ही उर्स के संबंध में बैठक करता रहा है. (Ala Hazrat Dargah Urse Razvi)

दरगाह के प्रतिनिधि मंडल में मुफ़्ती सलीम नूरी, परवेज़ नूरी, शाहिद नूरी, औरंगज़ेब नूरी आदि शामिल रहे हैं. कमिश्नर और आईजी द्वारा आला हज़रत के उर्स के संबंध में बैठक को लेकर दरगाह की टीम ने कहा कि प्रशासन ने हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की ये शानदार पहल है. दरगाह के स्तर पर हम लोग पहले से ही तैयारियों में जुटे हैं, लेकिन अब जब कमिश्नर और आईजी ख़ुद आगे आकर व्यवस्थाओं की स्थिति देख रहे हैं, तो इससे हमारा हौसला बढ़ा है.

दरगाह के उलमा ने कहा कि उर्से रज़वी में हमेशा ज़िला प्रशासन का पूरा सहयोग मिलता है. बरेली का ये बड़ा आयोजन है. इस बार भीड़ काफ़ी होने की संभावना है. इसलिए सभी के सहयोग से ही इसे यादग़ार तरीक़े से मनाया जाएगा. (Ala Hazrat Dargah Urse Razvi)

बताते हैं कि प्रशासनिक अधिकारियों ने उर्से रज़वी को लेकर किसी भी तरह की नई परपंरा न डालने को कहा है. अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने दायित्यों का ठीक से निर्वहन करें. और शांति व्यवस्था के साथ उर्स संपन्न कराया जाए.


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