बरेली ग़ौसगंज बवालः 1 करोड़ मुआवज़े से लेकर CBI जांच तक

द लीडर हिंदी : यूपी के ज़िला बरेली में शाही के गांव ग़ौसगंज बवाल की आंच ठंडी पड़ चुकी है. लेकिन पुलिस की कार्रवाई जारी है. मुस्लिम संप्रदाय की महिलाएं राहत के लिए भटक रही हैं, वो दरगाह आला हज़रत भी गई थीं. उनका पक्ष भीम आर्मी चीफ़ एवं नगीना के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद तक पहुंचाया गया है. उनकी पार्टी के पदाधिकारी एसपी दक्षिणी मानुष पारीक से मिले थे पर इस मामले में पुलिस का रवैया पूर्ववत है. नई बात यह है कि ग़ौसगंज पर अब हिंदू संगठनों ने दख़ल दिया है. विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी आज कलेक्ट्रेट आए थे. उन्होंने पूर्व प्रधान हीरालाल के बेटे तेजपाल के लिए आवाज़ उठाई है, जो बवाल में घायल हुए थे और बाद में उनकी अस्पताल में मौत हो गई थी.

अपनी बात रखने के लिए भीम आर्मी के मंडल अध्यक्ष विकास बाबू, जिलाध्यक्ष दुर्वेश अली अंसारी, तौफ़ीक प्रधान, सुशील गौतम और मीडिया प्रभारी सैम मैसी द लीडर हिंदी के दफ़्तर आए थे. मंडल अध्यक्ष का साफ कहना है कि बवाल के लिए एक ही संप्रदाय को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. गौसगंज बवाल का पूरा सच सामने नहीं आ सका है. उसके लिए सीबीआई या किसी और एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए. बहरहाल, पुलिस का रवैया इस मामले में बेहद सख़्त है. मुक़दमा दर्ज करने के बाद अब तक 42 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. बुल्डोज़र चलाकर पांच घर भी तोड़े गए हैं. बवाल के लिए गांव में रहने वाले जिस पीआरडी जवान बख़्तावर को मुख्य आरोपी बनाया है, उनके दो बेटों पर 25-25 हज़ार का इनाम भी घोषित कर दिया गया है. दोनों को गिरफ़्तार करने के लिए दबिश दी जा रही है. गांव में फ़ोर्स तैनात है.https://theleaderhindi.com/girl-murdered-by-beheading-in-bareilly-dead-body-found-in-bushes-police-engaged-in-investigation/

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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