द लीडर : आला हजरत खानदान की सबसे बुजुर्ग खातून, जोकि अमीने शरीयत मौलाना सिब्तैन रजा खां की बीवी हैं. उन्हें बरेली स्थित खानकाहे अमीने शरीयत में सुपुर्द-ए-खाक किया गया है. सोमवार को उनका इंतकाल हो गया था. जनाजे में आला हजरत घराने के सभी बुजुर्ग शामिल हुए. और दरगाह व खानकाह के चाहने वाले सैकड़ों लोग भी आए.(Ala Hazrat Khandan Bareilly)
मंगलवार को शाहदाना स्थित रेलवे मैदान पर उनके जनाजे की नमाज हुई. अमीने शरीयत खानकाह के सज्जादानशीन और उनके बेटे मुफ्ती सलमान रजा ने जनाजे की नमाज पढ़ाई. दूसरे बेटे नोमान रजा खां के अलावा नबीरे आला हजरत मौलाना मन्नानी मियां, दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद मियां, अफरोज मियां, मौलाना तस्लीम मियां, मौलाना अदनान रजा कादरी, मौलाना हस्सान रजा, जमात रजा-ए-मुस्तफा के उपाध्यक्ष सलमान मियां और महासचिव फरमान हसन खां आदि मौजूद रहे. सभी ने उन्हें खिराजे अकीदत पेश की और मगफिरत की दुआ की है.
उनके इंतकाल की खबर पर देश के कई हिस्सों से आला हजरत खानदान के चाहने वाले बरेली पहुंचे. जहां उन्होंने जनाजे में शिरकत की. मौलाना सिब्तैन रजा खां आला हजरत के भाई के पौत्र हैं. जिनके पांच बच्चे हैं, दो बेटे और तीन बेटियां. मुफ्ती सलमान रजा और नोमान रजा बेटे हैं. जबकि मन्नानी मियां, अफरोज मियां और काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद मियां दामाद हैं. (Ala Hazrat Khandan Bareilly)
ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी के सचिव हाफिज इमरान रजा ने कहा कि घर के कई लोग बाहर थे. जो अपने मजहबी और तालीमी दौरे छोड़कर बरेली पहुंच गए. सभी लोग जनाजे में शामिल भी हुए.
जमात रजा-ए-मुस्तफा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया कि आला हजरत खानदान के अमूमन सभी बुजुर्ग, जनाजे में शामिल हुए. (Ala Hazrat Khandan Bareilly)