बैरागियों ने ठुकरा दी मोदी की अपील,बोले सबको टीके क्यों नहीं लगाते

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द लीडर हरिद्वार

प्रधानमंत्री के ट्वीट और जूना अखाड़े के आचार्य स्वामी अवधेशानंद से उनकी और गृहमंत्री की बात होने के बाद शनिवार को एक एक कर कई अखाड़ा प्रमुखों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बैरागियों ने मोदी की अपील ठुकरा दी । इस तरह कुम्भ अब आ समाप्त हो रहा है और न मोदी की अपील के हिसाब से प्रतीकात्मक ही रहेगा। 10 अखाड़े रस्म निभाएंगे बाकी तीन पूरी भव्यता से शाही स्नान करेंगे।
बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़े में पत्रकारों से वार्ता करते हुए श्री महंत धर्म दास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला प्रतीकात्मक रूप से नहीं प्रत्यक्ष रूप से किया जाएगा । कुंभ मेले में देवता वास करते है हमारे इष्ट देव मौजूद रहते हैं और सभी साधु संत प्रत्यक्ष रूप से स्नान करते हैं इसलिए मेला प्रत्यक्ष रूप से ही किया जाएगा । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बताएं कि स्नान में प्रतीकात्मक क्या होता है? जब कोरोना की वैक्सीन बन चुकी है तो कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं का वैक्सीनेसन क्यों नहीं किया जा रहा है।हालांकि उन्होंने महामारी को देखते हुए कुंभ मेले में कम से कम लोगों में आने की अपील भी की।
अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष श्री महंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि लोक आस्था का पर्व कुंभ मेला भारतीय संस्कृति की धरोहर है अपनी परंपराओं का निर्वहन करते हुए कुंभ मेले को संपन्न कराया जाएगा । 27 अप्रैल का शाही स्नान भव्य एवं दिव्य रूप से करेंगे ।
अखिल भारतीय श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत कृष्ण दास नगरिया महाराज ने कहा कि बैरागी साधु संत प्रारंभ से ही कोरोना नियमों का पालन कर रहे हैं और कम संख्या में वैष्णव संत कुंभ मेले में शाही स्नान के लिए जा रहे हैं उन्होंने कहा कि 27 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान में भी वैष्णव संत कम संख्या में शाही स्नान के लिए रवाना होंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतीकात्मक कुम्भ की अपील के बाद जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज ने भी उनकी अपील का समर्थन किया है कनखल स्थित हरिहर आश्रम में प्रेसवार्ता कर अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया और उसके बाद गृह मंत्री अमित शाह का फ़ोन आया। दोनो से उनकी महाकुम्भ मेले को लेकर विस्तृत चर्चा हुई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कहने पर अब कुम्भ मेले को प्रतीकात्मक रूप से आयोजित करने को स्वीकार किया है। हालांकि उन्होंने 27 अप्रैल को होने वाले बैरागी संतो के शाही स्नान को यथावत जारी रखने की बात भी कही वही उन्होंने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कुम्भ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से न आने की अपील भी की और कहा कि अब श्रद्धालु केवल प्रतीकात्मक रूप से ही कुम्भ मेले में आये।

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