द लीडर : सीतापुर जेल में बंद रामपुर विधायक आज़म ख़ान को जौहर यूनिवर्सिटी केस में बड़ी राहत मिली है. सुप्रीमकोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट की 450 एकड़ ज़मीन टेकओवर करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीमकोर्ट के स्टे के बाद अब ज़मीन को टेक ओवर करने की सरकारी प्रक्रिया ठहर जाएगी. (Azam Khan Jauhar University)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी की 12.5 एकड़ ज़मीन को छोड़कर बाक़ी की 450 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन सरकार को टेकओवर करने का आदेश दिया था. जिसे आज़म ख़ान ने सुप्रीमकोर्ट में चैलेंज किया था. सोमवार को इस पर सुप्रीमकोर्ट का फ़ैसला आया, जिसमें हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है.
जौहर यूनिवर्सिटी की ज़मीन को लेकर आज़म ख़ान के ख़िलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे. इस आरोप के साथ कि उन्होंने ग़लत तरीके से ज़मीन ली है. और भी कई क़ानूनी पेचीदगियां आड़े आईं थी. जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार को ये ज़मीन अपने अंडर में लेने का अादेश दिया था. तब इलाहाबाद हाईकोर्ट का ये फ़ैसला आज़म परिवार के लिए सबसे बड़ा झटका माना गया था. लेकिन अब सुप्रीमकोर्ट के फ़ैसले को बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है.
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आज़म ख़ान पिछले क़रीब ढाई साल से जेल में बंद हैं. उनके परिवार के ख़िलाफ कोई 300 मामले दर्ज किए गए थे. आज़म ख़ान के विरुद्ध ही 85 मामले थे, जिसमें उन्हें अधिकांश मामलों में ज़मानत मिल चुकी है. शत्रु संपत्ति और भैंस चोरी से जुड़े मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है. (Azam Khan Jauhar University)
इस बीच यूपी की राजनीति में भी उथल-पुथल मची है. चर्चा ये है कि आज़म ख़ान समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से नाराज हैं. और वह पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं.
ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने आज़म ख़ान को जेल में एक पत्र भेजा है और उन्हें पार्टी में शामिल होने की दावत दी है. तो दूसरी तरफ ये भी चर्चा है कि आज़म ख़ान नई पार्टी बनाएंगे. इस सबके बीच अदालत का ये फ़ैसला आज़म परिवार और उनके समर्थकों के लिए काफी सुकून भरा माना जा रहा है. (Azam Khan Jauhar University)