आज़म ख़ान और अब्दुल्ला आज़म ने लौटाई पुलिस सुरक्षा, कहा हमें आपकी ज़रूरत नहीं

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Azam Khan Returned Police Security
रामपुर विधायक आज़म ख़ान अपने समर्थकों के साथ.

द लीडर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, रामपुर शहर से विधायक आज़म ख़ान और उनके बेटे विधायक अब्दुल्ला आज़म ने अपनी पुलिस सुरक्षा लौटा दी है. आज़म ख़ान को वाई श्रेणी की सुरक्षा हासिल है, जबकि जबकि अब्दुल्ला के साथ एक गनर. दोनों नेताओं ने अपने गनर लौटा दिए हैं. आज़म ख़ान ने सुरक्षा लौटाने का फ़ैसला ऐसे वक़्त में लिया है, जब उन समेत क़रीबियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है. जिसके विरोध में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और डीजीपी से मुलाक़ात कर चुके हैं. (Azam Khan Returned Police Security)

रामपुर की राजनीति में पिछले क़रीब एक महीने से बवंडर मचा है. पहले आज़म ख़ान पर गवाहों को धमकाने के आरोप में दो मुक़दमे दर्ज किए गए. और बाद में अब्दुल्ला आज़म के दो दोस्त, सालिम और अनवार को जुएं के आरोप में गिरफ़्तार किया गया. उनसे पूछताछ के बाद जौहर यूनिवर्सिटी में छापेमारी हुई. कैंपस में जेसीबी से खोदाई कर नगर पालिका की एक कूड़ा गाड़ी और एक दीवार तोड़कर किताबें बरामद किए जाने के तथ्य सामने अाए हैं. इसी बीच में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम भी रामपुर पहुंचकर अब्दुल्ला के दोस्तों से पूछताछ कर गई.

वहीं, नगर पालिका की चेयरमैन फ़ातिमा जबी ने जब ये दावा किया कि पालिका की कोई कूड़ा गाड़ी ग़ायब नहीं है. तो उसके बाद कथित रूप से पालिका के कुछ कागज़ात जलाने के आरोप में चेयरमैन के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर दर्ज की गई. (Azam Khan Returned Police Security)


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सिलसिलेवार तरीक़े से रामपुर में चल रहे इन सभी घटनाक्रमों के बाद आज़म ख़ान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म, इन दोनों नेताओं ने अपनी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी लौटा दिए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक आज़म ख़ान ने कहा कि हमें सुरक्षा की ज़रूरत नहीं है. इस मामले में रामपुर पुलिस ने कहा कि सुरक्षाकर्मी अब्दुल्ला के यहां गए थे. वह मिले नहीं हैं. आज़म ख़ान से भी संपर्क नहीं हुआ है.

रामपुर में जब आज़म परिवार एक बार फिर मुश्किलों का सामना कर रहा है, तो पार्टी नेतृत्व भी उनके साथ खड़ा हो गया है. अखिलेश यादव कई विधायकों के साथ राज्यपाल और डीजीपी से मिल चुके हैं. इससे पहले भी सपा का एक प्रतिनिधि मंडल डीजीपी से मिला था और आज़म ख़ान पर गवाहों को धमकाने के आरोपों को बुनियाद बताया था. पार्टी शीर्ष नेतृत्व इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर चुका है. हालांकि इसके बाद भी आज़म परिवार को कोई राहत मिलती नज़र नहीं आ रही है. बल्कि उनके परिवार या क़रीबियों से जुड़े मामलों में पुलिस तथ्य और सबूतों का दावा करते हुए गंभीरता से जांच कर रही है. (Azam Khan Returned Police Security)

यहां ये भी बता दें कि आज़म ख़ान की तबीयत ठीक नहीं चल रही है. पिछले दिनों दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे. हार्ट में तक़लीफ़ है. वह इसी साल मई में 27 महीनों की जेल काटकर ज़मानत पर बाहर आए हुए हैं.


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