भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने अफगानिस्तान में सेना भेजने की किसी भी योजना को खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे नई दिल्ली की वहां ” जमीन पर सैनिकों के कदम नहीं ” की नीति की पुष्टि की।
अपने वार्षिक प्रेस मीटिंग में एक सवाल के जवाब में जनरल नरवने ने कहा, “जहां तक अफगानिस्तान का संबंध है, जमीन पर सेना उतारने की कोई योजना नहीं है और न ही हम निकट भविष्य में इस तरह के आसार बनने कल्पना करते हैं “।
यह पहली बार नहीं है जब भारत की तरफ से ऐसा बयान आया है। वर्ष 2017 में तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय सैनिकों को जमीन पर उतारने से इनकार कर दिया था। उस समय अमेरिका का ट्रंप प्रशासन चाहता था कि भारत अपनी सेना भेजे।
यहां बता दें, भारत अफगानिस्तान के विकास में सबसे बड़ा साझीदार बनकर उभरा है। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लेकर समग्र क्षमता बढ़ाने में सहयोगी है। ऐसा 2001 में तालिबान के पतन के बाद से किया जा रहा है।
दोनों पक्षों की ओर से शहतूत बांध के निर्माण को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद है, जो काबुल शहर के 20 निवासियों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराएगा।