द लीडर हिंदी : यूपी के जिला बरेली में रहने वाली अंजली बहुत छोटी थी, जब वह सिविल लाइंस स्थित आर्य समाज अनाथालय आई थी. करीब 17 सालों तक अनाथालय ही उनका घर रहा. यहां रहकर ही पढ़ाई की. जब शादी की उम्र हुई तो अनाथालय समेत कई अन्य समाजिक संस्थाओं ने यह जिम्मा उठाया. अंजली कहती है कि मैं बहुत खुश हूं. आर्य समाज अनाथालय काे मैं बहुत-बहुत धन्यवाद देती हूं कि मेरा नया जीवन बन गया. अच्छे परिवार में जा रही हूं. बतादें आर्य समाज अनाथालय ने अंजलि की शादी के कार्ड छपवाने से लेकर डोली तक के पूरे इंतजाम किया.
अंजली के लिए दूल्हा ढूंढने और भव्य तरीके से उसकी शादी कराने के लिए अनाथालय प्रबंधन, सीता रसोई, मानव सेवा क्लब, नंदिशा वेलफेयर फाउंडेशन और योगाचार्य मीना सोंधी ने अपनी-अपनी तरफ से तमाम कोशिश की और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई. और उन्होंने अंजली के जीवनसाथी शुभम सक्सेना को चुना. शुभम बिथरी चैनपुर के रहने वाले है और अपना कारोबार करते हैं.
बता दें हर आम लड़की का सपना होता कि उसकी शादी पूरे धूमधाम से हो. अनाथालय में पली-बढ़ी अंजली ने भी ऐसे ही सपने देखे था . जो पूरा हुआ. जिन्हें कुछ समाजिक संस्थाओं ने न सिर्फ सच कर दिखाया, बल्कि समाज को सीख देने का काम किया. अंजली के लिए दूल्हा मिलने के बाद शादी के कार्ड छपवाए और डोली से लेकर अन्य इंतजाम किए. शादी के दौरान भी काफी संख्या में लोग मौजूद रहे. लोग भी खुश नजर आए कि अंजली को अपनी पसंद का वर मिल गया.
आर्य समाज अनाथालय के आचार्य ओमकार आर्या बताते हैं कि यह अनाथालय करीब 141 साल पुराना है. पुराने रिकार्डों में भी इस चीज का जिक्र मिलता है कि साल 1939-40 में एक साथ 10 शादियां हुई थी. बीती 14 फरवरी को भी एक बेटी की शादी हुई थी, आज बिटियां अंजली की शुभम के साथ शादी हुई. जिले में ऐसी शादी के पैगाम की मिसाल पेश करती है.यूपी में ये एक ऐसी शादी हुई, जो समाज को बड़ी सीख देती है