द लीडर हिंदी, वॉशिंगटन. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में तालिबान आतंकियों का नियंत्रण स्थापित होने के मामले में मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन से इस्तीफा मांगा है. बाइडेन ने अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालते ही अफगानिस्तान से करीब 20 साल बाद अमेरिकी सैनिकों को तुरंत हटाने का फैसला किया था, इसके बाद से तालिबान का यहां पर वर्चस्व बढ़ता गया और अब वह पूरे मुल्क पर नियंत्रण स्थापित कर चुका है.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “अफगानिस्तान में दुखद गड़बड़, एक पूरी तरह से खुली और टूटी हुई सीमा, रिकॉर्ड स्तर पर अपराध, आसमान छूती तेल की कीमतें, बढ़ती मुद्रास्फीति और पूरी दुनिया ने इसका फायदा उठाया- क्या आप लोगों को मेरी याद आने लगी है?”
अफगान संकट से गुस्से में ट्रंप
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए जो बाइडेन पर जमकर भड़ास निकाली है और अफगान संकट के लिए बाइडेन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अब जो बाइडेन को इस्तीफा देने का समय आ गया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि ”उन्होंने (बाइडेन) अफगानिस्तान में जो कुछ भी होने दिया है, उसके साथ-साथ कोविड-19 में जबरदस्त उछाल आया है, सीमा पर तबाही है, हमारी अर्थव्यवस्था को अपंग कर दिया है, ऐसे में उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।” पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ”जो बाइडेन का इस्तीफा देना कोई बड़ी बात नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उनका चुनाव देश में पहले स्थान के लिए नहीं हुआ है”।
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बाइडेन को ठहराया जिम्मेदार
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने और तालिबान के राजधानी में प्रवेश के बाद और अफगानिस्तान में सरकार के गिरने के बाद डोनाल्ड ट्रंप का ये बयान आया है। इस बीच, व्हाइट हाउस के सलाहकार अब इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि राष्ट्रपति जो बाइडेन को अफगानिस्तान में गहराते संकट को कैसे संबोधित करना चाहिए। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, कि क्या उन्हें अपनी अगस्त की छुट्टी कैंसिल कर वॉशिंगटन लौटना चाहिए।
बाइडेन के खिलाफ गुस्सा
आपको बता दें व्हाइट हाउस के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया गया और प्रदर्शनकारियों ने जो बाइडेन पर युद्धग्रस्त देश के लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया गया है और पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। वहीं, टीम बाइडेन के कई ऐसे सदस्य हैं, जो पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा एक्शन चाहते हैं।
उनका मानना है कि बिना पाकिस्तान की मदद के तालिबान, काबुल पर इतनी जल्दी कब्जा कर ही नहीं सकता था। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान के हालात को लेकर जो बाइडेन पर तंज कसते हुए कहा कि ”आप मुझे मिस कर रहे हैं ना”?
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अमेरिका की हार क्यों ?
आपको बता दें कि अमेरिकी फौज के लिए काबुल छोड़ने की आखिरी तारीख 31 अगस्त थी, लेकिन उससे पहले ही तालिबान का कब्जा राजधानी पर हो चुका है। इन 20 सालों में अमेरिका ने अफगानिस्तान में करीब 2 ट्रिलियन डॉलर खर्च किए हैं, वहीं अफगानिस्तान युद्ध में करीब 2500 अमेरिकी फौजी मारे गये, बावजूद इसके इस युद्ध का कोई निर्णय नहीं निकल पाया।
फैसला तालिबान के हक में गया है और अफगानिस्तान फिर से साल 2000 की स्थिति में ही आ गया है। ऐसे में लोग पूछ रहे हैं कि अगर अमेरिका को ‘धोखा’ ही देना था, तो फिर अफगानिस्तान में इतनी तबाही क्यों मचाई। अमेरिका का शीर्ष सीनेट और रिपब्लिकन नेता मिच मैककोनेल नमे कहा कि ”जो बाइडेन ने इस रोके जाने योग्य, विध्वंसकारी आपदा को आमंत्रित किया है”।
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